img

Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश में यातायात के बेहतरीन विकल्प के रूप में लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे अब 50 मिनट में 95 किलोमीटर की दूरी तय करने में सक्षम होगा। इस एक्सप्रेस-वे का महत्व इस बात से और बढ़ जाता है कि यह उत्तर प्रदेश के विकास को और तेज करेगा और यहां के लोगों को कई सुविधाएं प्रदान करेगा। इस मार्ग पर गाड़ियां सितंबर से दौड़ सकती हैं, और इसके निर्माण कार्य का लगभग 95% हिस्सा अब पूरा हो चुका है।

सुविधाओं से भरपूर एक्सप्रेस-वे

इस नए मार्ग में यात्रियों को कई प्रकार की सुविधाएं मिलने वाली हैं। इसमें 18 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड रूट बनाया गया है, जो पूरी तरह से यातायात की समस्या को सुलझाएगा। इस एक्सप्रेस-वे में 28 छोटे पुल, 38 अंडरपास और 6 फ्लाईओवर शामिल किए गए हैं, जो इसे तकनीकी दृष्टिकोण से भी मजबूत और सुविधाजनक बनाते हैं। इसके साथ ही, ग्रीनफील्ड एरिया के 45 किलोमीटर तक विस्तार ने इस एक्सप्रेस-वे को और अधिक आकर्षक बना दिया है। खास बात यह है कि प्रारंभिक चरण में हल्के वाहन जैसे बाइक और कारें इसे इस्तेमाल कर सकेंगी।

सुपरफास्ट ट्रैवल की नई दिशा

एक्सप्रेस-वे पर वाहन 100-120 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ने की संभावना जताई जा रही है। इससे लखनऊ से कानपुर की यात्रा महज 50 मिनट में पूरी हो जाएगी, जो पहले कई घंटों में संभव नहीं था। यह बदलाव न केवल यात्रियों के लिए, बल्कि व्यापार और उद्योग के लिए भी बेहद लाभकारी साबित होगा। यह एक्सप्रेस-वे ट्रैवल को और ज्यादा आरामदायक, तेज और सुरक्षित बनाएगा।

उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेस-वे का विकास

उत्तर प्रदेश में एक नई सड़क क्रांति का दौर चल रहा है। राज्य अब देश में सबसे अधिक एक्सप्रेस-वे नेटवर्क का घर बन चुका है। यहां न केवल तैयार एक्सप्रेस-वे हैं, बल्कि कई और निर्माणाधीन और प्रस्तावित परियोजनाओं की सूची भी लंबी है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य राज्य के विभिन्न हिस्सों को जोड़कर समग्र विकास करना है।

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे, बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे और लखनऊ-कानपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे जैसे प्रोजेक्ट तेज़ी से पूरे हो रहे हैं। इसके अलावा, चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे और कई अन्य प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश को और भी बेहतर कनेक्टिविटी देंगे।

उत्तर प्रदेश का एक्सप्रेस-वे नेटवर्क न केवल राजधानी और बड़े शहरों तक सीमित रहेगा, बल्कि यह बुंदेलखंड, पूर्वांचल और तराई जैसे दूरदराज इलाकों को भी जोड़ने में मदद करेगा। इन परियोजनाओं से न केवल यातायात की स्थिति में सुधार होगा, बल्कि यह राज्य के आर्थिक विकास को भी तेज करेगा।

उत्तर प्रदेश के मौजूदा एक्सप्रेस-वे

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे – 341 किमी

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे – 296 किमी

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे – 302 किमी

यमुना एक्सप्रेस-वे – 165 किमी

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे – 96 किमी

नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे – 25 किमी

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे – 91 किमी

इस प्रकार, उत्तर प्रदेश अब एक मजबूत एक्सप्रेस-वे नेटवर्क का हिस्सा बन चुका है, जो राज्य की यात्रा, व्यापार और विकास के दृष्टिकोण से एक नया अध्याय जोड़ने वाला है।

लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे लखनऊ से कानपुर यात्रा उत्तर प्रदेश सड़क विकास एक्सप्रेस-वे कनेक्टिविटी सुपरफास्ट ट्रैवल लखनऊ कानपुर 50 मिनट 100-120 किलोमीटर गति ग्रीनफील्ड एरिया एलिवेटेड रूट पुल और फ्लाईओवर एक्सप्रेस-वे सुविधाएं उत्तर प्रदेश विकास ट्रैवल टाइम में कमी उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेस-वे नेटवर्क यूपी सड़क नेटवर्क गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के प्रमुख एक्सप्रेस-वे यूपी कनेक्टिविटी यूपी इन्फ्रास्ट्रक्चर एक्सप्रेस-वे विकास यातायात सुधार उत्तर प्रदेश आर्थिक विकास एक्सप्रेस-वे परियोजनाएं उत्तर प्रदेश रोड नेटवर्क