img

Up Kiran, Digital Desk: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की आगामी बैठकों से पहले क्रिकेट जगत में गहमागहमी का माहौल है। चर्चा है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष और एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के मुखिया मोहसिन नकवी को घेरने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। हालांकि, नकवी साहब इन बैठकों में शामिल होंगे या नहीं, इसे लेकर अटकलें हैं, जिसका कारण उनकी 'देश की अंदरूनी राजनीतिक व्यस्तताएँ' बताई जा रही हैं।

पता चला है कि बीसीसीआई ने नकवी के कथित 'गुनाहों' की एक लंबी सूची तैयार की है। यह भी सुनने में आया है कि इस मामले में भारत को अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड का भी साथ मिल सकता है।

दोहरी भूमिका और नियमों का उल्लंघन

ख़बरों के अनुसार, बीसीसीआई का मुख्य निशाना नकवी की दोहरी भूमिका पर है। मोहसिन नकवी एक तरफ पीसीबी और एसीसी के अध्यक्ष हैं, वहीं दूसरी तरफ वह पाकिस्तान सरकार में भी एक महत्वपूर्ण मंत्री पद पर हैं। बीसीसीआई का आरोप है कि यह स्थिति आईसीसी के संचालन संबंधी नियमों का सीधा उल्लंघन है, क्योंकि एक खेल निकाय का पदाधिकारी सरकार में सक्रिय पद पर नहीं रह सकता।

एक खेल पोर्टल की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि बीसीसीआई ने 'मोहसिन नकवी के ख़िलाफ़ आरोपों का एक ब्यौरा' तैयार किया है।

इस रुख को अफ़गानिस्तान क्रिकेट बोर्ड से समर्थन मिलने की उम्मीद है। सूत्रों ने यह भी इशारा दिया है कि अफ़गानिस्तान भारत के पक्ष का समर्थन करेगा और नकवी से किसी एक पद को छोड़ने की माँग कर सकता है। हालांकि, नकवी के पीछे हटने की संभावना कम ही है।

एशिया कप ट्रॉफी का मुद्दा सबसे बड़ा

अगर नकवी आईसीसी की बैठकों में हिस्सा लेते हैं, तो बीसीसीआई का पहला वार एशिया कप की ट्रॉफी पर होगा। आरोप है कि एशिया कप जीतने वाली टीम यानी भारतीय टीम को ट्रॉफी सौंपने के बजाय, नकवी ने उसे कथित तौर पर अपने पास रख लिया था।

क्रिकेट के सामान्य नियमों के मुताबिक, ट्रॉफी हमेशा विजेता टीम का अधिकार होती है और आयोजक संस्था या बोर्ड उसे अपने पास नहीं रख सकता। बीसीसीआई का कड़ा आरोप है कि नकवी ने एशिया कप की ट्रॉफी को अपनी निजी संपत्ति समझने की लापरवाही दिखाई है और अभी तक इसे भारतीय टीम को नहीं सौंपा गया है।