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Up Kiran, Digital Desk: अमेरिकी सरकार ने एक ऐसा कदम उठाया है जिसने पूरी दुनिया में हलचल मचा दी है। ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी कांग्रेस को सूचित किया है कि वह अब ड्रग्स कार्टेल (नशीले पदार्थों का कारोबार करने वाले गिरोहों) के साथ एक तरह के 'युद्ध' में है। इन गिरोहों को अब आधिकारिक तौर पर 'आतंकवादी संगठन' का दर्जा दे दिया गया है।

सरकार ने क्यों लिया इतना बड़ा फ़ैसला?

व्हाइट हाउस से जारी एक मेमो के मुताबिक, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि ये ड्रग्स कार्टेल अब सिर्फ़ अपराधी नहीं, बल्कि ऐसे हथियारबंद समूह हैं जो अमेरिका पर लगातार हमले कर रहे हैं। मेमो में कहा गया है कि ये गिरोह अब कई देशों में फैल चुके हैं और पूरे पश्चिमी गोलार्ध में संगठित रूप से हमलों को अंजाम दे रहे हैं।

हालांकि, इस मेमो में यह साफ़ नहीं किया गया है कि किन-किन कार्टेल को इस सूची में शामिल किया गया है और अमेरिकी अधिकारी पकड़े गए संदिग्धों को इन संगठनों से कैसे जोड़ेंगे।

कैरिबियन सागर में बड़ी कार्रवाई

यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब पिछले महीने ही अमेरिकी सेना ने कैरिबियन सागर के पास अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में वेनेज़ुएला से आ रही तीन नावों को डुबो दिया था, जिसमें 17 लोग मारे गए थे। अमेरिकी सरकार ने इन मारे गए लोगों को 'गैर-कानूनी लड़ाका' बताया और इस हमले को अपनी आत्मरक्षा में उठाया गया कदम ठहराया।

अमेरिका में ही हो रही है आलोचना

लेकिन ट्रंप प्रशासन के इस फ़ैसले की अमेरिका में ही कड़ी आलोचना हो रही है। डेमोक्रेटिक पार्टी के बड़े नेता और सीनेटर जैक रीड ने ट्रंप पर आरोप लगाया है कि वह "जिसे चाहें अपना दुश्मन बताकर, उसके खिलाफ़ गुप्त युद्ध छेड़ने" का फ़ैसला कर रहे हैं। रीड का कहना है कि सरकार ने इस हमले के लिए कोई भी भरोसेमंद कानूनी वजह, सबूत या खुफिया जानकारी पेश नहीं की है।

इस बीच, अमेरिका ने कैरिबियन सागर में अपने जंगी जहाज़ और 6,500 से ज़्यादा सैनिक तैनात कर दिए हैं, जिससे इलाके में तनाव काफ़ी बढ़ गया है।

वेनेज़ुएला ने बताया 'एक बहाना'

वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने कई बार अमेरिका पर आरोप लगाया है कि वह ड्रग्स कार्टेल के खतरे को एक बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है, ताकि लैटिन अमेरिका में अपनी सेना बढ़ा सके और सत्ता परिवर्तन की कोशिश कर सके।

दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका की अपनी ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (DEA) की 2020 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वेनेज़ुएला उन मुख्य देशों में शामिल नहीं है, जहाँ से अमेरिका में ड्रग्स की तस्करी होती है। यह बात अमेरिका के दावों पर कई सवाल खड़े करती है।