Up Kiran, Digital Desk: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति के बीच हाल ही में हुई मुलाकात ने एक नई व्यापारिक दिशा को जन्म दिया है। इस बैठक के बाद, ट्रंप ने चीन पर लागू टैरिफ में 10 फीसदी की कमी करने की घोषणा की, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों में एक नई शुरुआत की संभावना बनती है। गौरतलब है कि चीन, रूस से तेल का बड़ा खरीदार है, और इस नए कदम से दोनों देशों के आर्थिक संबंधों में और भी मजबूती आने की उम्मीद है।
ट्रंप और जिनपिंग की मुलाकात बुसान में हुई, जो लगभग दो घंटे तक चली। ट्रंप ने इस मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि 'हमने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की, और जल्द ही इसके परिणाम सामने आएंगे।' उन्होंने यह भी बताया कि बैठक का उद्देश्य चीन पर लगाए गए टैरिफ को कम करना और चीन से सोयाबीन की खरीद को फिर से शुरू करना था। ट्रंप के अनुसार, 'हमने फेंटानिल की रोकथाम के लिए भी एक साथ काम करने पर सहमति जताई है।'
इस बैठक के दौरान, ट्रंप ने यह भी कहा कि वह और जिनपिंग दुर्लभ मृदा (रेयर अर्थ्स) के व्यापार पर एक समझौते पर पहुंचे हैं। यह समझौता एक साल के लिए है, और हर साल इसकी समीक्षा की जाएगी। ट्रंप ने इस बैठक को बेहद सकारात्मक बताते हुए कहा कि यह 0 से 10 के स्केल पर 12 के बराबर रही।
चीन के साथ व्यापारिक गतिरोध और अमेरिका का नया कदम
वाइट हाउस में अपने दूसरे कार्यकाल के बाद, ट्रंप ने चीन के खिलाफ व्यापारिक शुल्क बढ़ाने की नीति अपनाई थी। इसके जवाब में, चीन ने दुर्लभ मृदा तत्वों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। यही कारण था कि दोनों देशों के बीच इस प्रकार की उच्चस्तरीय वार्ता की आवश्यकता महसूस की गई।
इस बैठक के बाद दोनों नेताओं ने अपने-अपने प्रतिनिधियों के साथ आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया। शी जिनपिंग के साथ ट्रंप की मुलाकात के बाद, दोनों नेताओं ने संयुक्त बयान जारी किया, जिसमें चीन और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों को सुधारने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाने का ऐलान किया गया।
भारत से क्या होगी डील?
दक्षिण कोरिया में अपनी यात्रा के दौरान, ट्रंप ने भारत से संबंधित एक अहम बयान दिया। उन्होंने कहा, 'भारत और पाकिस्तान के मामले में, मैं भारत के साथ एक बड़ी ट्रेड डील करने वाला हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति मेरा बहुत सम्मान है, और हमारा रिश्ता बहुत मजबूत है।' ट्रंप का यह बयान यह संकेत देता है कि अमेरिका-भारत व्यापारिक संबंधों में जल्द ही सुधार हो सकता है।
अमेरिका, भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने के मुद्दे पर लगातार चिंता जताता रहा है, और ट्रंप के इस बयान से यह संभावना जताई जा रही है कि आने वाले समय में दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव कम हो सकता है।
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