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Up Kiran, Digital Desk: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को एक अहम घोषणा की, जिसमें उन्होंने बताया कि अगले सप्ताह अमेरिका और ईरान के अधिकारियों के बीच संभावित वार्ता होगी। यह घोषणा तब आई है जब दोनों देशों के बीच एक नाजुक संघर्ष विराम स्थापित हुआ है, जो इज़राइल और ईरान के बीच हुए पिछले संघर्ष के बाद आया है। इस संघर्ष के दौरान बारह दिनों तक मिसाइल हमले और हवाई हमले जारी रहे, लेकिन अब दोनों देशों के बीच शांति की उम्मीदें बन रही हैं।
हालांकि, ईरान ने इस वार्ता की पुष्टि नहीं की है और अपने परमाणु कार्यक्रम पर कोई भी झुकाव दिखाने का संकेत नहीं दिया है। यह स्थिति तब बन रही है जब तेहरान ने युद्ध विराम के बावजूद पश्चिमी देशों को चेतावनी दी है कि इस क्षेत्र में और भी "अपूरणीय क्षति" का खतरा है।
विराम लेकिन नाजुक
मंगलवार को संघर्ष विराम के बाद सीमा पार मिसाइल और हवाई हमले रुक गए हैं, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को कम करने की दिशा में एक कदम है। राष्ट्रपति ट्रंप ने इस संघर्ष विराम को अपनी विशेषता के साथ व्यक्त किया, “वे लड़े, अब युद्ध खत्म हो गया है… मुझे फर्क नहीं पड़ता कि यह किसी समझौते का हिस्सा है या नहीं।” ट्रंप ने इस बारे में संतुलित दृष्टिकोण भी अपनाया, यह स्वीकार करते हुए कि इस समझौते का फिर से टूटना संभव है।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इस दौरान एक कड़ा रुख बनाए रखा और पश्चिमी देशों को चेतावनी दी कि यदि इस क्षेत्र में और हस्तक्षेप हुआ तो स्थितियां खराब हो सकती हैं। वहीं, ईरानी संसद ने भी परमाणु निरीक्षण एजेंसियों के साथ सहयोग को कम करने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि ईरान किसी भी प्रकार की अंतरराष्ट्रीय रियायतों को स्वीकार नहीं करने की स्थिति में है।
परमाणु स्थलों पर विवाद
अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया कि 22 जून को अमेरिकी हवाई हमलों के हिस्से के रूप में ईरान के प्रमुख परमाणु स्थलों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है। ट्रंप ने इन स्थलों को भूमिगत बताते हुए कहा कि अब इन्हें फिर से ठीक करना संभव नहीं है, और इसे नष्ट करने के लिए "एक बड़े फावड़े" की आवश्यकता होगी। वहीं, ईरानी अधिकारियों ने इस दावे को नकारते हुए इसे केवल "सतही" क्षति करार दिया और अमेरिका पर दुष्प्रचार फैलाने का आरोप लगाया।
ईरान के एक वरिष्ठ राजनयिक ने इन दावों को युद्ध के मैदान की वास्तविकताओं से दूर बताया और कहा कि ये बयान राजनीतिक लाभ उठाने के लिए दिए गए थे, न कि किसी सच्चाई का प्रतिनिधित्व करने के लिए।
ट्रंप की रणनीति और संभावित बातचीत
राष्ट्रपति ट्रंप ने नाटो में संवाददाताओं से कहा कि वे इस संघर्ष विराम को एक वैकल्पिक समाधान के रूप में देखते हैं, और इसे ईरान के परमाणु हथियार बनाने की क्षमता को खत्म करने के रूप में प्रस्तुत किया। ट्रंप ने यह भी कहा कि यदि ईरान एक मामूली इशारा करता है, जैसे कि परमाणु हथियार न बनाने का वचन, तो यह युद्धविराम आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त हो सकता है। इसके लिए अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो संभावित शर्तों का मसौदा तैयार कर रहे हैं।
इस बीच, इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मीडिया में चल रही उन चर्चाओं को खारिज किया, जिनमें कहा गया था कि इज़राइल ने अमेरिका को हमले के लिए उकसाया था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने इज़राइल के पास मौजूद खुफिया जानकारी के आधार पर यह कार्रवाई की, और इज़राइल अमेरिकी समर्थन के लिए आभारी है।
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