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Up Kiran, Digital Desk: झुंझुनू जिले के एक मुर्गी फार्म में पुलिस ने बुधवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एमडी (Methylenedioxymethamphetamine) ड्रग्स की अवैध फैक्ट्री को ध्वस्त कर दिया। यह फैक्ट्री कुछ दिन पहले महाराष्ट्र की एंटी नारकोटिक्स सेल (एएनसी) द्वारा की गई छापेमारी में सामने आई थी। इस फैक्ट्री से पुलिस ने 10 किलो एमडी ड्रग्स के साथ-साथ विभिन्न खतरनाक केमिकल्स और मशीनें भी जब्त कीं। इन सामानों की कुल कीमत करीब 100 करोड़ रुपये बताई जा रही है।

पुलिस कार्रवाई का असर

यह कार्रवाई झुंझुनू पुलिस के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है, खासकर जब यह देखा गया कि ड्रग्स का अवैध कारोबार किस तरह छोटे गांवों तक फैल चुका है। इस विशेष मुर्गी फार्म में चल रहे अवैध ड्रग्स निर्माण को उजागर करते हुए पुलिस ने परिसर में स्थित दो कमरे और एक टीन शेड को तोड़ डाला। इससे यह साबित हुआ कि मादक पदार्थों के निर्माण का कारोबार अब ग्रामीण इलाकों में भी पैर पसार चुका है, जो समाज के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है।

फैक्ट्री का संचालन कैसे हुआ

झुंझुनू जिले के धनुरी थाना क्षेत्र के नांद का बास गांव में अनिल सिहाग (31) नामक युवक ने इस अवैध ड्रग्स फैक्ट्री की स्थापना की थी। अनिल के खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस और झुंझुनू पुलिस ने मिलकर कार्रवाई की। अनिल ने 2016-17 से अपने चाचा सुरेश सिहाग के मुर्गी फार्म में काम करना शुरू किया था, लेकिन हाल ही में उसने अपने साथी सुभाष जाट के साथ मिलकर यहां ड्रग्स का निर्माण करना शुरू किया। इस फैक्ट्री में मादक पदार्थों का निर्माण करने के लिए आवश्यक मशीनें और खतरनाक केमिकल्स भी रखे गए थे।

अवैध गतिविधियों में सहयोग देने वालों पर भी सख्त कार्रवाई

पुलिस की पूछताछ में यह सामने आया कि अनिल ने इस कारोबार को शुरू करने के लिए कुछ बाहरी लोगों से भी संपर्क किया था। 13 दिसंबर को उसे एक फोन कॉल आया था जिसमें एक व्यक्ति ने कहा था कि अगर ड्रग्स का माल नहीं दिया गया तो वे वापस चले जाएंगे। इसके बाद, 14 दिसंबर को अनिल ने 1 किलो एमडी ड्रग्स लेकर सीकर में एक होटल में पहुंचकर इसे पार्टी तक पहुंचाने की कोशिश की। हालांकि, महाराष्ट्र पुलिस ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया और बाद में झुंझुनू पुलिस ने अनिल के मुर्गी फार्म पर छापा मारा, जहां से 10 किलो ड्रग्स और कई अन्य सामग्री बरामद की गई।

पुलिस की तरफ से सख्त संदेश

झुंझुनू पुलिस अधीक्षक एसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय ने इस मामले की गंभीरता को रेखांकित करते हुए कहा कि ड्रग्स के निर्माण और तस्करी में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि एनडीपीएस एक्ट के तहत कोई भी व्यक्ति यदि अपने कमरे या संपत्ति को इस प्रकार के अवैध कारोबार के लिए उपलब्ध कराता है, तो वह भी अपराधी माना जाएगा।