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Up Kiran, Digital Desk:  यह सोचिए, क्या अमेरिका वाकई ब्रिक्स जैसे शक्तिशाली समूह को रोक पाएगा? अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने कड़े रुख से सभी को चौंका दिया है। ट्रंप ने साफ कहा है कि जो भी देश ब्रिक्स की “अमेरिका विरोधी नीतियों” का हिस्सा बनेंगे, उन पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा। उन्होंने दो टूक शब्दों में चेतावनी दी कि इस फैसले से किसी को भी छूट नहीं मिलने वाली।

दरअसल, ब्रिक्स देशों ने हाल ही में ट्रंप की टैरिफ नीति पर तीखा प्रहार किया है। उनका कहना है कि ऐसे कदम न केवल वैश्विक व्यापार को कमजोर कर रहे हैं बल्कि पूरी विश्व अर्थव्यवस्था को भी झटका दे रहे हैं। ब्रिक्स के साझा बयान में अमेरिकी टैरिफ नीतियों को “अवैध और मनमाना” करार दिया गया है। उनका मानना है कि अगर अमेरिका ऐसे फैसले लेता रहा तो अंतरराष्ट्रीय व्यापार में गिरावट और गहराएगी।

ब्रिक्स संगठन की बात करें तो इसमें पहले से ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। लेकिन बात यहीं खत्म नहीं होती — 2024 में इस समूह का दायरा और बढ़ने वाला है। मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात भी इसमें शामिल होने जा रहे हैं। इसके अलावा इंडोनेशिया को 2025 में ब्रिक्स की सदस्यता मिलने की पूरी संभावना है।

ट्रंप ने इस नए टैरिफ फैसले का ऐलान ट्रुथ सोशल पर सोमवार को किया। उन्होंने लिखा, “ब्रिक्स के अमेरिका विरोधी रवैये से हाथ मिलाने वाले हर देश को 10% अतिरिक्त शुल्क चुकाना होगा। इसमें किसी तरह की छूट नहीं दी जाएगी। उम्मीद करता हूं कि आप लोग इस चेतावनी को गंभीरता से लेंगे।”

अब देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप के इस कड़े रुख का असर आने वाले दिनों में किस तरह देखने को मिलेगा। क्या वाकई ये अतिरिक्त शुल्क ब्रिक्स के बढ़ते प्रभाव को रोक पाएंगे या फिर यह विवाद और बढ़ाएंगे? आने वाला वक्त इस टकराव को और भी दिलचस्प बना सकता है।

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