
Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका में काम करने का सपना देखने वाले हजारों भारतीय इंजीनियरों और आईटी प्रोफेशनल्स के लिए पिछले महीने एक दिल तोड़ने वाली खबर आई थी। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन ने प्रस्ताव रखा कि अमेरिका में काम करने के लिए दिए जाने वाले H-1B वीजा की फीस को
लेकिन इस मुश्किल घड़ी में, दुनिया की सबसे बड़ी चिप बनाने वाली कंपनी Nvidia के CEO जेन्सेन हुआंग एक हीरो की तरह सामने आए हैं। उन्होंने इस फैसले पर एक बहुत ही सधी हुई, लेकिन दमदार बात कही है और एक ऐसा ऐलान किया है जिसने सबका दिल जीत लिया है।
क्या कहा Nvidia के CEO ने: जेन्सेन हुआंग ने कहा कि वीजा प्रोग्राम का गलत इस्तेमाल रोकने की सरकार की नीयत "एक अच्छी शुरुआत" है। लेकिन उन्होंने साथ ही एक बहुत बड़ी चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि $100,000 की फीस इतनी ज़्यादा है कि यह “अमेरिकी सपने को एक लग्जरी आइटम बना देगी” यानी, अमेरिका में काम करने का सपना सिर्फ अमीर ही देख पाएंगे, हुनरमंद गरीब नहीं।
उन्होंने साफ कहा, "हमें ऐसे सुधारों की जरूरत है जो मौकों की हिफाजत करें, उन तक पहुँचने का रास्ता बंद न करें। अमेरिका की ताकत हमेशा से यही रही है कि वह दुनिया भर से बेहतरीन टैलेंट को अपनी ओर खींचता रहा है।"
सिर्फ बातें नहीं, किया अब तक का सबसे बड़ा ऐलान
लेकिन जेन्सेन हुआंग सिर्फ बातें नहीं करते। उन्होंने एक ऐसा ऐलान किया ने पूरी टेक इंडस्ट्री में तहलका मचा दिया है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार यह नियम लागू करती तो उनकी कंपनी Nvidia अपने काबिल कर्मचारियों के लिए $100,000 (₹83 लाख) की यह भारी-भरकम फीस खुद भरेगी!
Nvidia दुनिया की सबसे कीमती कंपनियों में से एक है और उसे दुनिया भर के बेहतरीन दिमागों की जरूरत होती है। पिछले साल ही कंपनी ने 1,500 से ज़्यादा H-1B वीजा स्पॉन्सर किए थे। हुआंग का यह कदम दिखाता है कि उनकी नजरों में टैलेंट की कीमत पैसों से कहीं ज़्यादा है।
क्यों है यह फैसला इतना अहम: अमेरिका की छोटी-छोटी टेक कंपनियां और स्टार्टअप्स इस नए नियम से बर्बाद हो सकते हैं, क्योंकि वे इतनी भारी फीस नहीं दे पाएंगे। लेकिन हुआंग जैसे लीडर्स का यह कहना कि "इनोवेशन को पैसों की वजह से बाहर कर देना सिस्टम को ठीक करने का सही तरीका नहीं है," एक बहुत बड़ा संदेश देता है।
एक तरफ जहां ट्रम्प का यह फैसला हजारों भारतीयों के सपनों पर ताला लगाने जैसा था, वहीं दूसरी तरफ Nvidia के CEO का यह ऐलान एक उम्मीद की किरण बनकर आया है, जो दिखा रहा कि असली लीडरशिप क्या होती है।