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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश में 2027 विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अभी से तैयारियों की बिसात बिछानी शुरू कर दी है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, संगठन ने पिछले चुनाव यानी 2022 के नतीजों का गहराई से अध्ययन करते हुए सीटों को अलग-अलग वर्गों में बांटा है ताकि हर हलके में जीत सुनिश्चित की जा सके। खास बात यह है कि इस बार बीजेपी ने उन सीटों पर विशेष ध्यान देने का निर्णय लिया है जहां पिछली बार हार का सामना करना पड़ा था।

2022 का प्रदर्शन

पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कुल 370 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। इनमें से 255 सीटों पर पार्टी को जीत मिली थी, जबकि बाकी स्थानों पर उसे हार झेलनी पड़ी। अब पार्टी का फोकस स्पष्ट है मजबूत सीटों पर पकड़ कायम रखना और कमजोर इलाकों में संगठन को नई ऊर्जा देना।

हारी हुई सीटों का विश्लेषण

पार्टी ने हार का सामना करने वाली सीटों को छह अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित किया है।

श्रेणी A: वे सीटें जहां 2022 में बीजेपी दूसरे स्थान पर रही। यहां पन्ना प्रमुखों को सक्रिय करने का काम शुरू हो चुका है।

श्रेणी B: ऐसी सीटें जहां पार्टी तीसरे नंबर पर रही थी। यहां संभावित उम्मीदवारों की रिपोर्ट तैयार की जाएगी और संगठनात्मक बैठकें लगातार होंगी।

श्रेणी C: रायबरेली, मैनपुरी और आज़मगढ़ जैसी परंपरागत सपा-कांग्रेस गढ़ वाली सीटें। इन क्षेत्रों में वरिष्ठ पदाधिकारी लगातार डटे रहेंगे।

श्रेणी D: वे जगहें जहां 2022 में पराजय मिली लेकिन उपचुनाव में जीत हासिल की गई। ऐसी सीटों पर उन्हीं नेताओं को ज़िम्मेदारी दी जाएगी जिन्होंने उपचुनाव में सफलता दिलाई थी।

श्रेणी E: सहयोगी दलों की हारी सीटें। यहां रणनीति साझेदारी के आधार पर बनेगी।

श्रेणी F: मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्र जहां पार्टी पिछली बार हार गई थी। इन जगहों पर अल्पसंख्यक मोर्चा सक्रिय किया जा रहा है ताकि वोट प्रतिशत को बढ़ाया जा सके।

जीती हुई सीटों को भी किया वर्गीकृत

सिर्फ पराजित सीटों पर ही नहीं बल्कि उन निर्वाचन क्षेत्रों पर भी पार्टी की पैनी नजर है जहां 2022 में जीत दर्ज हुई थी। इन्हें भी चार श्रेणियों में रखा गया है।

श्रेणी A: भारी बहुमत से जीती सीटें। यहां पुरानी टीम को ही जिम्मेदारी मिली है।

श्रेणी B: वे क्षेत्र जो 2017 में हारे थे लेकिन 2022 में जीत गए। यहां बूथवार तुलना कर कमजोरियों और सुधार को समझा जाएगा।

श्रेणी C: ऐसी सीटें जहां दूसरे दलों से आए नेताओं ने बीजेपी टिकट पर जीत हासिल की। यहां प्रत्याशी और संगठन के योगदान का प्रतिशत अलग-अलग नापा जाएगा।

श्रेणी D: मुस्लिम बहुल इलाके जैसे रामपुर और कुंदरकी, जहां पिछली बार जीत मिली। यहां विशेष निगरानी और अलग ढंग की रणनीति अपनाई जाएगी।

लक्ष्य: बूथ स्तर तक मज़बूती

सूत्रों का कहना है कि इस पूरे अभियान का मकसद है 2027 तक प्रत्येक सीट पर बूथ स्तर तक संगठन को पूरी तरह तैयार करना। पार्टी का इरादा है कि इस बार 2022 की कोई भी चूक न दोहराई जाए। यही वजह है कि हार वाले इलाकों में कार्यकर्ताओं की तैनाती बढ़ा दी गई है और लगातार बैठकों का दौर जारी है।

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