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पडरौना इलाके के प्रतिष्ठित स्वर्ण व्यवसायी और पूर्व विधानसभा प्रत्याशी अंशुमान बंका को वॉट्सऐप पर एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा धमकी दी गई। आरोपी ने खुद को ‘AK‑47 गैंग’ का सदस्य बताकर ₹ 5 करोड़ की रंगदारी मांगी और चेतावनी दी कि बेटा स्कूल से उठा लिया जाएगा ।

धमकी मिलने के कुछ घंटों बाद कारोबारी ने पुलिस को लिखित शिकायत दी। पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि घटनास्थल की जांच के छह घंटे के भीतर FIR दर्ज कर दी गई और एक मल्टी-टीम टास्क फोर्स गठित कर दी गई, जिसमें SWAT टीम, साइबर सेल, निगरानी इकाई भी शामिल थीं।

पुलिस ने तकनीकी और इलेक्ट्रॉनिक ट्रेसिंग के जरिए आरोपी का पत्ता खोजा और उसे आर्यन उपाध्याय नामक ivervat्त निवासी के रूप में चिह्नित किया। गिरफ्तारी के समय आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने अकेले ही यह धमकी दी थी और कोई गैंग अस्तित्व में नहीं है  । उसने बताया कि यह धमकी गुस्से में दी गई थी और गैंग का नाम सिर्फ डरा-धमकाने के लिए बनाया गया था।

पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि उसी संदिग्ध नंबर से कुछ सप्ताह पहले एक पत्रकार को भी धमकी दी गई थी। पुलिस ने उसके खिलाफ अलग FIR (No. 283/2025) दर्ज की है, जिसमें BNS 351(2) व IT Act 67 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है।

घटना के वक्त परिवार में भय व्याप्त था, लेकिन पुलिस की तेज कार्रवाई और तकनीकी मदद से आरोपी गिरफ्तार कर मोबाइल फोन जैसे सबूत बरामद कर लिए गए। एसपी मिश्रा ने कहा कि पुलिस की निगरानी में रहे आरोपी ने यह साजिश रची, लेकिन उसे पकड़ना पुलिस के लिए चुनौती नहीं रही।

इस घटना के बाद स्थानीय लोग और पत्रकार संगठन पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल खड़े कर रहे थे। अब जब आरोपी गिरफ्तार हो गया है, तो यह घटना यह संदेश देती है कि इंटरनेट पर धमकी देने वाले भी कानून के दायरे में आ सकते हैं।
 

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