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Up Kiran, Digital Desk: बुधवार को, संयुक्त राज्य अमेरिका ने रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों - रोसनेफ्ट और लुकोइल - पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं। यह कदम रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन के साथ युद्धविराम समझौते को अस्वीकार करने के बाद उठाया गया है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि ये प्रतिबंध क्रेमलिन को यूक्रेन में अपनी आक्रामक सैन्य कार्रवाई को रोकने के लिए मजबूर करेंगे।
अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने इन प्रतिबंधों को रूस की युद्ध मशीनरी को वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने वाली कंपनियों पर निशाना साधने के रूप में पेश किया है। एक सरकारी बयान में कहा गया, "यह कदम रूस के ऊर्जा क्षेत्र पर दबाव बनाएगा, जिससे युद्ध के लिए आवश्यक संसाधनों की आपूर्ति में कमी आएगी। अमेरिका शांति की ओर रूस की प्रतिबद्धता की प्रतीक्षा कर रहा है, और हम ऐसे कदम उठाते रहेंगे जो संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में मदद करें।"
रूस की तेल कंपनियों पर हमला: आर्थिक संकट की ओर
स्कॉट बेसेंट, अमेरिका के वित्त मंत्री, ने कहा कि रूस की तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने से उन पर और उनके वित्तीय संसाधनों पर सीधा असर पड़ेगा। यह कदम रूस की आर्थिक स्थिति को कमजोर करने के उद्देश्य से उठाया गया है। बेसेंट ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका युद्धविराम के लिए अतिरिक्त उपायों पर विचार कर रहा है, और अगर ज़रूरत पड़ी तो और सख्त कार्रवाई भी की जा सकती है।
उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि रूस के साथ मिलकर अन्य देश इन प्रतिबंधों को लागू करेंगे, ताकि यह संदेश जाए कि यूक्रेन में हो रही हिंसा को किसी भी स्थिति में जारी नहीं रहने दिया जा सकता।"
रूस की प्रमुख तेल कंपनियां निशाने पर
अमेरिका ने दोनों कंपनियों - रोसनेफ्ट और लुकोइल - की संपत्तियों को जब्त कर लिया है, और अब कोई अमेरिकी संस्था इन कंपनियों के साथ किसी भी प्रकार का वित्तीय लेन-देन नहीं कर सकेगी। ये प्रतिबंध केवल इन कंपनियों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि उनकी संबद्ध कंपनियों पर भी लागू होंगे, जिनमें इनकी हिस्सेदारी 50 प्रतिशत या उससे अधिक है।
रोसनेफ्ट और लुकोइल, दोनों ही रूस के सबसे बड़े तेल और गैस उत्पादक हैं। ये कंपनियां रूस और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेल, गैस की खोज, उत्पादन और बिक्री से जुड़े विशाल कारोबारी नेटवर्क चला रही हैं।
रोसनेफ्ट रूस के सबसे बड़े एकीकृत ऊर्जा समूहों में से एक है, और इसका कारोबार दुनिया भर में फैला हुआ है। वहीं लुकोइल भी रूस में सबसे बड़े पेट्रोलियम उत्पादक कंपनियों में से एक है, जो गैस और पेट्रोलियम की खोज, उत्पादन और विपणन में सक्रिय है।
प्रतिबंधों का व्यापक असर
यह कदम अमेरिका की विदेश नीति का हिस्सा है, जो रूस पर यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। यह प्रतिबंध रूस की आर्थिक व्यवस्था पर गहरा असर डाल सकते हैं और युद्ध के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधनों की कमी का कारण बन सकते हैं।
अमेरिकी सरकार का कहना है कि ये उपाय रूस को वित्तीय सख्ती का सामना कराएंगे, जिससे उसकी युद्ध गतिविधियों पर काबू पाया जा सके। यूक्रेन में जारी संघर्ष को खत्म करने के लिए दबाव बढ़ाने के उद्देश्य से, अमेरिका अपने सहयोगियों से भी इस कदम में शामिल होने की अपील कर रहा है।