Up Kiran, Digital Desk: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मुद्दे पर अपनी बात रखी है। उन्होंने रूसी तेल आयातकों पर अमेरिका द्वारा लगाए जा सकने वाले संभावित अमेरिकी टैरिफ (शुल्क) के संकेत पर प्रतिक्रिया दी है।
यह मुद्दा ऐसे समय में उठा है जब भारत पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद रूस से रियायती दरों पर तेल खरीद रहा है। भारत लगातार कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा सुरक्षा उसकी पहली प्राथमिकता है, और वह अपने नागरिकों के लिए सर्वोत्तम संभव शर्तों पर ऊर्जा खरीदना जारी रखेगा।
जयशंकर ने साफ किया कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखता है। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से पश्चिमी देशों की नीतियों पर सवाल उठाया कि वे उन देशों पर दबाव क्यों डाल रहे हैं जो ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने विकल्प तलाश रहे हैं।
विदेश मंत्री ने पहले भी इस बात पर जोर दिया है कि भारत को अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी नीतियों को तय करने का अधिकार है और वह बाहरी दबावों में नहीं आएगा।
यदि अमेरिका वास्तव में ऐसे टैरिफ लगाता है, तो इसका भारतीय अर्थव्यवस्था और वैश्विक ऊर्जा बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। यह ऊर्जा की लागत को बढ़ा सकता है और भू-राजनीतिक तनाव को और बढ़ा सकता है।
यह घटनाक्रम दिखाता है कि ऊर्जा सुरक्षा और भू-राजनीतिक हितों के बीच संतुलन बनाना कितना जटिल है। भारत अपनी स्वतंत्र विदेश नीति और ऊर्जा सुरक्षा के लक्ष्यों को लेकर दृढ़ है।

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