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यूपी किरण डेस्क। लोकसभा चुनाव के समय दलबदल का सिलसिला जारी है। अपनी मनपसंद सीट से जीत के लिए तमाम नेता अपनी पुरानी पार्टी छोड़ नई पार्टी में शामिल हो रहे हैं। ताजा मामला चर्चित इलाहाबाद अब प्रयागराज का है। प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री उज्जवल रमण सिंह समाजवादी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं। उज्जवल रमण सिंह बतौर कांग्रेस उम्मीदवार इलाहाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। बताते चलें कि उज्जवल रमण सिंह वरिष्ठ समाजवादी नेता कुंवर रेवती रमण सिंह के सुपुत्र हैं।

जानकारी के मुताबिक़ उज्जवल रमण सिंह कल अर्थात मंगलवार को लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय में कांग्रेस में शामिल होंगे। कांग्रेस नेतृत्व ने प्रतिष्ठित इलाहाबाद सीट पर उज्जवल रमण सिंह का नाम तय कर लिया है। कल पार्टी की सदस्यता लेने के बाद उनकी उम्मीदवारी की घोषणा की जायेगी। उज्जवल रमण सिंह मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की सरकार में मंत्री रह चुके हैं। उज्जवल रमण के पिता कुंवर रेवती रमण सिंह इलाहाबाद खासकर यमुनापार के कद्दावर नेता माने जाते हैं।

पुत्र उज्जवल रमण के कांग्रेस में शामिल होने के बावजूद कुंवर रेवती रमण सिंह ने कहा है कि वह समाजवादी पार्टी में ही रहेंगे। बताते चलें कि कांग्रेस और सपा के बीच गठबंधन होने कारण वे उज्जवल सिंह का चुनाव प्रचार करते रहेंगे। कुंवर रेवती रमण सिंह करछना विधानसभा सीट से 8 बार विधायक और इलाहाबाद लोकसभा सीट से दो बार सांसद भी रह चुके हैं। इसके अलावा वह राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। इलाहाबाद सीट पर रेवती रमण ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी को परास्त किया था.

इलाहाबाद सीट से उज्जवल रमण को कांग्रेस उम्मीदवार बनाये जाने के बाद बीजेपी की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। जानकारी हो कि इलाहाबाद खासकर यमुना पार इलाके में रेवती रमण का काफी प्रभाव है। करछना, मेजा, बारा, कोरांव के गांव गांव में रेवती रमण लोगों से सरोकार रखते हैं। बताते चलें कि वर्ष 1985 में हुए विधानसभा चुनाव में, जब इंदिरा लहर चल रही थी, तब भी रेवती रमण ने कांग्रेस उम्मीदवार केपी तिवारी को हरा दिया था। वर्तमान में इलाहाबाद लोकसभा सीट से बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी सांसद हैं। रीता जोशी से पहले 2014 के चुनाव में बीजेपी के श्यामा प्रसाद गुप्ता सांसद थे। अबकी बार बीजेपी यहां से हैट्रिक लगाना चाह रही थी, लेकिन उज्जवल रमण के कांग्रेस उम्मीदवार बनने से उसके मंसूबों पर पानी फिरता नजर आ रहा है।  
 

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