Up kiran,Digital Desk : यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध में हाल के दिनों में तनाव और बढ़ गया है। यूक्रेनी सेना ने रूस के भीतर कई महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बनाया है, जिनमें तेल टर्मिनल, पाइपलाइन, गोला-बारूद डिपो, लड़ाकू विमान और जहाज शामिल हैं। यूक्रेन का कहना है कि यह कार्रवाई रूस की युद्ध क्षमता को कमजोर करने और मोर्चे के पीछे डर का माहौल बनाने के लिए की गई है।
यूक्रेन की रणनीति
यूक्रेनी जनरल स्टाफ के अनुसार, उनके बलों ने रूस की सीमा के भीतर और रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों में तेल टर्मिनल, गोला-बारूद डिपो और ड्रोन लॉन्च साइटों पर हमले किए। इन हमलों का मुख्य मकसद रूस की सैन्य सप्लाई लाइन को बाधित करना और मोर्चे पर अपने सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। लगभग चार साल से जारी इस युद्ध में यूक्रेनी सेना बड़ी संख्या में रूसी बलों का दबाव झेल रही है।
तेल टर्मिनल और जहाजों पर हमले
विशेष रूप से रूस के दक्षिणी क्रास्नोदार क्षेत्र में तामाननेफ्तेगाज़ तेल टर्मिनल को निशाना बनाया गया। इसके अलावा एक पाइपलाइन, दो डॉक और दो जहाज क्षतिग्रस्त हुए, जिससे वहां भीषण आग लग गई। हालांकि, यूक्रेन ने यह स्पष्ट नहीं किया कि इन हमलों में किन हथियारों का इस्तेमाल हुआ।
जेट विमान और ड्रोन ठिकानों को नुकसान
यूक्रेनी सैन्य खुफिया एजेंसी के मुताबिक, यूक्रेनी समर्थक पार्टिज़न्स ने रूस के पश्चिमी शहर लिपेत्स्क के पास एक एयरबेस में खड़े दो रूसी जेट विमानों को आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा रूस और रूस-नियंत्रित डोनेत्स्क क्षेत्र में गोला-बारूद डिपो और ड्रोन लॉन्च साइट पर हमले किए गए, ताकि रूसी सेना की गति धीमी हो।
रूस की जवाबी कार्रवाई
रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि उसकी वायु रक्षा प्रणाली ने रात भर में यूक्रेन के 41 ड्रोन मार गिराए, जिनमें से तीन क्रास्नोदार क्षेत्र के ऊपर थे। वहीं, रूस ने भी यूक्रेन के ऊर्जा ढांचे पर हमले जारी रखे हैं। यूक्रेन के ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार, पांच क्षेत्रों में बिजली और ऊर्जा से जुड़ी सुविधाओं को निशाना बनाया गया, जिससे आम नागरिकों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
यूक्रेन का कहना है कि रूस सर्दियों का मौसम हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है, ताकि लोग हीटिंग और पानी जैसी सुविधाओं से वंचित रहें। यूक्रेनी वायुसेना के मुताबिक, रूस ने एक ही रात में 86 ड्रोन दागे, जिनमें से 58 को मार गिराया गया। लगातार हमलों और जवाबी कार्रवाई के बीच यह साफ है कि युद्ध फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रहा।




