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Up Kiran, Digital Desk: हाल ही में एक ऐसा अद्भुत नजारा देखने को मिला, जिसने दुनिया भर का ध्यान अपनी ओर खींचा है। आंध्र प्रदेश के दो भारतीय पूर्व सैनिकों ने प्रशांत महासागर की अथाह गहराइयों के बीच, एक नौका पर योग का अभ्यास कर सबको हैरान कर दिया। यह कोई साधारण योग सत्र नहीं था, बल्कि 'मिशन सागर परिक्रमा' नामक एक वैश्विक अभियान का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य 'समुद्र में योग' (Yoga at Sea) के संदेश को पूरी दुनिया तक पहुंचाना है।

इन अनुभवी दिग्गजों में से एक भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी एम. नागेश्वर राव हैं, और दूसरे भारतीय सेना के पूर्व सैनिक पी. विजय भास्कर। ये दोनों साहसी योद्धा 'एमएचसीईआई' की 'मिशन सागर परिक्रमा' नौकायन अभियान का हिस्सा हैं, जो 15 से 18 महीने तक चलने वाली है। इस यात्रा में वे दुनिया भर के महासागरों को पार कर रहे हैं।

उनकी यात्रा गोवा, भारत से शुरू हुई थी और उन्होंने हिंद महासागर सहित कई समुद्रों को पार करते हुए फिजी के तटों तक का लंबा सफर तय किया है। फिजी के पास प्रशांत महासागर में उनकी योग मुद्राएँ कैमरे में कैद हुईं और देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। तेज लहरों और खुले समुद्र के बीच संतुलन साधते हुए उनके आसन, शारीरिक और मानसिक शक्ति का एक अद्भुत प्रमाण हैं।

यह पहल सिर्फ योग अभ्यास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह तनाव और पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) से जूझ रहे पूर्व सैनिकों और आम लोगों के लिए एक प्रेरणा है। यह संदेश देता है कि योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि मानसिक शांति और भावनात्मक संतुलन के लिए भी महत्वपूर्ण है। नागेश्वर राव और विजय भास्कर ने अपनी इस अनूठी पहल से सिर्फ योग का संदेश ही नहीं दिया, बल्कि साहस, दृढ़ संकल्प और स्वस्थ जीवन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का भी प्रदर्शन किया है। यह वास्तव में एक ऐसा कारनामा है जो हर किसी को प्रेरित करेगा।

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