img

Up Kiran, Digital Desk: बिहार में महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार और वीआईपी पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है। इस घोषणा के बाद, राज्य के मुस्लिम समुदाय ने महागठबंधन से अपनी उचित हिस्सेदारी की मांग उठाई है। सोशल मीडिया पर इस फैसले पर आलोचनाओं का सिलसिला भी शुरू हो गया है, जिसमें मुस्लिम समुदाय की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए उनके अधिकारों की बात की जा रही है।

चिराग पासवान का तीखा हमला

वहीं, इस मामले में लोजपा (रामविलास) के नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी महागठबंधन पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा। चिराग ने अपने पिता, स्व. रामविलास पासवान की उस पहल को याद किया, जब उन्होंने बिहार में मुस्लिम मुख्यमंत्री बनाने की मांग की थी। चिराग ने अपनी निराशा व्यक्त की कि इस फैसले के बावजूद बिहार के मुस्लिम समुदाय ने उनकी पार्टी का समर्थन नहीं किया।

चिराग पासवान ने मेटा प्लेटफॉर्म पर लिखा, "2005 में मेरे नेता, मेरे पिता स्व. रामविलास पासवान जी ने मुस्लिम मुख्यमंत्री बनाने के लिए अपनी पार्टी तक कुर्बान कर दी थी। तब भी आपने उनका साथ नहीं दिया। राजद 2005 में भी मुस्लिम मुख्यमंत्री के लिए तैयार नहीं था, आज 2025 में भी न मुस्लिम मुख्यमंत्री देने को तैयार है, न उपमुख्यमंत्री! अगर आप बंधुआ वोट बैंक बनकर रहेंगे, तो सम्मान और भागीदारी कैसे मिलेगी?"

मुस्लिमों की हिस्सेदारी पर सवाल

चिराग पासवान ने पटना में मीडिया से बात करते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन यादवों और सहनी समाज के नाम पर राजनीति कर रहा है, जबकि मुसलमानों के लिए केवल चुनाव के समय ही उनकी अहमियत सामने आती है। उन्होंने बिहार में मुस्लिमों की जनसंख्या का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य में मुस्लिमों की आबादी लगभग 18 प्रतिशत है, फिर भी उन्हें सत्ता में किसी प्रमुख पद पर नहीं जगह दी गई है।

उन्होंने कहा, "तेजस्वी यादव यादव समाज से हैं, जिनकी जनसंख्या करीब 13 प्रतिशत है, जबकि मुकेश सहनी साहनी समाज से आते हैं, जिनकी जनसंख्या लगभग 2 प्रतिशत है। फिर भी, 18 प्रतिशत मुस्लिम आबादी के बावजूद मुसलमानों को सत्ता की हिस्सेदारी से वंचित रखा गया है। यह लोग केवल मुसलमानों को डराकर और भावनात्मक मुद्दों पर भड़काकर वोट लेते हैं, लेकिन उन्हें असली प्रतिनिधित्व देने की नीयत कभी नहीं रही।"