देहरादून। राज्य में गत 2020 से प्राथमिक शिक्षकों की कोई भी भर्ती नही निकली है , जबकि राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में लगभग 4000 सहायक अध्यापकों के पद रिक्त चल रहे हैं । अध्यापकों की गंभीर कमी के चलते राज्य के नौनिहालों का भविष्य भी अंधेरे में लटका हुआ है।
राज्य के विभिन्न जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थाओं से अपना द्विवर्षीय प्रशिक्षण पूर्ण कर चुके डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार युवा विगत 6-7 महीनों से लगातार प्राथमिक शिक्षक भर्ती की मांग कर रहे हैं । चुनाव आचार संहिता से पहले भी इन युवाओं ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय नानूरखेड़ा में महीने भर तक धरना प्रदर्शन किया , फिर भी भर्ती जारी नही हो सकी।
अब प्रशिक्षित युवाओं का कहना है की यदि जल्द ही भर्ती जारी नही होती है तो इन्हे पुनः आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। गौरतलब है की प्राथमिक शिक्षक भर्ती हेतु निर्वाचन आयोग ने भी अनुमति प्रदान कर दी थी एवं दिनांक 29/05/2024 को शासनादेश जारी हो गया था। बावजूद इसके विभागीय निष्क्रियता के चलते अभी तक शिक्षक भर्ती का कोई अता पता नहीं है।
उत्तराखंड डायट डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के सदस्यों ने चेतावनी दी है की यदि विभाग ज्यादा लेट लतीफी करता है तो उन्हें उग्र आंदोलन का सहारा लेना पड़ सकता है।
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