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uttarakhand news: उत्तराखंड की धामी सरकार ने भूमि रजिस्ट्री प्रक्रिया को पेपरलेस बनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के अनुसार, इस नई व्यवस्था के तहत लोगों को वर्चुअल रजिस्ट्री कराने की सुविधा भी मिलेगी। इस प्रक्रिया को लागू करने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और कैबिनेट से अंतिम मंजूरी मिलने के बाद ये आवाम के लिए उपलब्ध होगी।
इस नई व्यवस्था का मेन मकसद रजिस्ट्री प्रक्रिया में हो रहे फर्जीवाड़े पर रोक लगाना है। मौजूदा समय में स्टाम्प एवं निबंधन विभाग के अंतर्गत रजिस्ट्री के उपरांत दस्तावेजों को स्कैन कॉपी के रूप में कार्यालय में संरक्षित रखा जाता है। लेकिन अब, मूल लेख कागजों को पक्षकारों को वापस किए जाने की व्यवस्था को तकनीकी रूप से बेहतर करने का निर्णय लिया गया है।
नई तकनीकी सुधारों से पक्षकारों के पास ये सुविधा होगी कि वे सब रजिस्ट्रार कार्यालयों में स्वयं उपस्थित होकर या घर से ही वीडियो केवाईसी के माध्यम से दस्तावेजों का सत्यापन कर सकेंगे। इसके बाद संबंधित सब रजिस्ट्रार विलेखों में वर्णित तथ्यों का परीक्षण करने के बाद डिजिटल हस्ताक्षर के माध्यम से प्रक्रिया पूर्ण करेंगे। ये प्रक्रिया वाट्सएप और ईमेल के जरिए पक्षकार को तुरंत प्रेषित की जाएगी। इस योजना के तहत कई कदम उठाए जा चुके हैं। एनआईसी के सहयोग से सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है।