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Up Kiran, Digital Desk: प्रदेश में इन दिनों त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पूरे जोर-शोर से चल रही है। नामांकन की समयसीमा समाप्त हो चुकी है और अब दस्तावेज़ों की विधिवत जांच का दौर अंतिम चरण में है। लेकिन इस प्रक्रिया के बीच एक खास बात ने सभी का ध्यान खींचा है — वह है महिलाओं की जबरदस्त भागीदारी। गांव की सत्ता की बागडोर संभालने के लिए इस बार रिकॉर्ड संख्या में महिलाओं ने नामांकन दाखिल किया है।
पंचायत चुनाव में महिलाओं की हिस्सेदारी इस बार आंकड़ों में नई कहानी कह रही है। आयोग की ओर से साझा किए गए ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, अब तक कुल 63,569 उम्मीदवारों ने चुनाव मैदान में उतरने के लिए नामांकन भरा है। आश्चर्यजनक रूप से इनमें 37,356 महिलाएं हैं — यानी लगभग 59 प्रतिशत नामांकन महिलाओं ने दर्ज कराए हैं। यह संख्या न केवल 50% आरक्षण की सीमा को पार कर गई है, बल्कि यह संकेत भी देती है कि ग्रामीण राजनीति में महिलाएं अब सिर्फ आरक्षण के सहारे नहीं, बल्कि अपने दम पर भी आगे आ रही हैं।
इस चुनावी उत्साह में आरक्षित वर्गों की महिलाओं की भागीदारी भी विशेष रूप से उल्लेखनीय रही है। इस बार अनुसूचित जनजाति की 2,401, अनुसूचित जाति की 11,208, और अन्य पिछड़ा वर्ग की 4,532 महिला उम्मीदवारों ने नामांकन दर्ज किया है। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि समाज के हर तबके की महिलाएं नेतृत्व की मुख्यधारा में आने को तैयार हैं।
अब बात करें नामांकन प्रक्रिया के अगले चरण की— बुधवार को नामांकन पत्रों की जांच की अंतिम तिथि है। जिन उम्मीदवारों के दस्तावेज़ तय मानकों पर खरे नहीं उतरेंगे, उनके नामांकन रद्द कर दिए जाएंगे। इसके बाद योग्य प्रत्याशियों को 10 और 11 जुलाई को नामांकन वापस लेने का मौका दिया जाएगा। 11 जुलाई की दोपहर 3 बजे के बाद नाम वापसी की प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी और उसी दिन प्रत्याशियों की अंतिम सूची प्रकाशित कर दी जाएगी।
इसके बाद 14 जुलाई को पहले चरण के चुनाव के लिए उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न आवंटित किए जाएंगे। बता दें कि पंचायत चुनाव का पहला चरण 24 जुलाई को संपन्न होगा। नामांकन प्रक्रिया दो से पांच जुलाई के बीच चली थी, जिसकी जांच सात जुलाई से शुरू हुई थी।
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