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Up Kiran, Digital Desk: घर की खुशहाली और सुख-शांति के लिए वास्तु शास्त्र में सीढ़ियों की संख्या और दिशा का विशेष ध्यान रखा जाता है। घर में सीढ़ियां विषम संख्या में होनी चाहिए जैसे 3, 5, 7 या 11। विषम संख्या में सीढ़ियां लगाने से घर में अच्छी ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और परिवार की तरक्की होती है। वहीं सम संख्या में सीढ़ियां शुभ नहीं मानी जाती हैं और बुरा ऊर्जा बढ़ा सकती हैं।
सीढ़ियों की दिशा भी बहुत जरूरी है। वास्तु के अनुसार, सीढ़ियां दक्षिण-पश्चिम दिशा में बनानी चाहिए। अगर यह संभव न हो तो पश्चिम या दक्षिण दिशा का विकल्प चुनें। सीढ़ियां हमेशा दक्षिणावर्त यानी क्लॉकवाइज दिशा में बननी चाहिए ताकि ऊर्जा का सही संचार हो सके।
सीढ़ियों के नीचे बाथरूम, किचन या पूजा घर बनाना टालना चाहिए क्योंकि यह वास्तु दोष पैदा करता है। इसके अलावा, सीढ़ियां घर के उत्तर-पूर्व, उत्तर, पूर्व या केंद्र स्थान पर नहीं होनी चाहिए। इन दिशाओं में सीढ़ी होने से परिवार की तरक्की और सुख-शांति प्रभावित होती है।
वास्तु शास्त्र की ये छोटी लेकिन महत्वपूर्ण बातें घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने में मदद करती हैं और जीवन में खुशहाली लाती हैं। इसलिए घर बनाते समय या नवीकरण के दौरान सीढ़ियों की संख्या और दिशा का ध्यान जरूर रखें।