
Up Kiran, Digital Desk: कर्नाटक में पिछले कुछ समय से जारी लगातार बारिश ने आम आदमी की जेब पर भारी बोझ डाल दिया है। हरी सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं, जिससे रसोई का बजट बिगड़ गया है। आम लोगों की आंखों में आंसू आ गए हैं, क्योंकि उन्हें रोजमर्रा की जरूरतों के लिए भी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है।
बेमौसम बारिश के कारण फसलों को भारी नुकसान हुआ है, जिससे मंडियों में हरी सब्जियों की आवक (सप्लाई) में भारी कमी आई है। परिणामस्वरूप, थोक और खुदरा दोनों बाजारों में सब्जियों के दाम तेजी से बढ़े हैं। यह स्थिति न केवल उपभोक्ताओं के लिए, बल्कि सब्जी विक्रेताओं के लिए भी मुश्किल खड़ी कर रही है, जिनकी बिक्री पर सीधा असर पड़ा है।
धनिया, पुदीना, सोया (डिल), पालक और मेथी जैसी हरी सब्जियों के दाम कई इलाकों में दोगुने से तीन गुने हो गए हैं। उदाहरण के लिए, धनिया का एक गुच्छा जो पहले ₹10 में आसानी से मिल जाता था, अब वही ₹30 से ₹40 में बिक रहा है। इसी तरह, चुकंदर, गाजर और मूली जैसी जड़ वाली सब्जियां भी, जो पहले काफी सस्ती मानी जाती थीं, अब खराब मौसम और कम आपूर्ति के कारण बहुत महंगी हो गई हैं।
कीमतों में अचानक हुई इस बढ़ोतरी से ग्राहक बेहद नाराज हैं। मैसूरु जैसे शहरों में भी यही स्थिति है, जहां लोग बढ़ती कीमतों पर अपनी निराशा व्यक्त कर रहे हैं। सब्जी विक्रेता भी परेशान हैं क्योंकि ऊंची कीमतों के कारण ग्राहक कम खरीदारी कर रहे हैं, जिससे उनकी दैनिक कमाई पर बुरा असर पड़ रहा है।
जब तक बारिश का सिलसिला थमता नहीं और फसलों की नई आवक शुरू नहीं होती, तब तक इन सब्जियों के दामों में राहत मिलने की उम्मीद कम ही है।
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