
Up Kiran, Digital Desk: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है, लेकिन लड़ाई शुरू होने से पहले ही पाकिस्तान के अंदर से बगावत की आवाज़ें उठने लगी हैं। इस्लामाबाद की विवादित लाल मस्जिद के मौलाना अब्दुल अजीज गाजी ने एक चौंकाने वाला ऐलान किया है। उनका कहना है कि अगर भारत के खिलाफ जंग होती है, तो पाकिस्तान के लोग अपनी ही सेना का साथ नहीं देंगे।
मौलाना का यह बयान एक वीडियो में कैद हुआ है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो को पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने भी शेयर किया है। (हालांकि, इंडिया टीवी या अन्य स्वतंत्र स्रोत इस वायरल वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करते हैं।) इस वीडियो में पाकिस्तानी सेना और सरकार के खिलाफ मौलाना का गुस्सा साफ नज़र आ रहा है।
हुसैन हक्कानी ने क्या लिखा?
वीडियो शेयर करते हुए हुसैन हक्कानी ने लिखा, "लाल मस्जिद के मौलाना अब्दुल अजीज गाजी का भाषण सुनिए, जिसमें उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान की लड़ाई इस्लाम की नहीं, राष्ट्रवाद की लड़ाई है और पाकिस्तान में भारत से भी ज्यादा जुल्म है, आदि। उन सरकारी अधिकारियों को ध्यान से सुनिए जो इन सज्जनों को संरक्षण देते हैं और धर्मनिरपेक्ष पाकिस्तानियों को खतरा मानते हैं।"
वीडियो में इमाम ने क्या कहा?
वायरल वीडियो में, मौलाना अब्दुल अजीज भीड़ से पूछते हुए और फिर खुद जवाब देते हुए सुने जा सकते हैं:
जंग में साथ क्यों दें?: उन्होंने कहा, "हिंदुस्तान पाकिस्तान की जंग में आप में से कितने लोग पाकिस्तान का साथ देंगे?.. कम ही नजर आ रहे हैं। इसका मतलब है कि काफी समझ पैदा हो चुकी है।"
इस्लाम की नहीं, राष्ट्रवाद की जंग: उन्होंने तर्क दिया, "मसला ये है कि पाकिस्तान और हिंदुस्तान की जंग इस्लाम की जंग ही नहीं है। पाकिस्तान की जंग कौमियत (राष्ट्रवाद) की जंग है।"
पाकिस्तान में ज़्यादा ज़ुल्म: मौलाना ने सनसनीखेज दावा करते हुए कहा, "आज पाकिस्तान में जो निजाम है, जो जालिमाना निजाम है, वो हिंदुस्तान से ज्यादा बढ़कर है। हिंदुस्तान में इतना जुल्म नहीं है, जितना पाकिस्तान में जुल्म है।"
उदाहरण दिए: उन्होंने सवाल उठाया, "क्या लाल मस्जिद जैसा मामला हिंदुस्तान में हुआ?.. क्या पूरे पख्तूनख्वा में जो मामले हो रहे हैं वो हिंदुस्तान में हुए?..क्या उनके अपने लोगों ने अपने देश में ही रहने वाले लोगों पर बमबारी की?..क्या हिंदुस्तान के अंदर इतने लोग लापता पाए जाते हैं?"
इस्लामी सिद्धांत का हवाला: उन्होंने कहा कि इस्लाम नेकी और भलाई के कामों में साथ देने को कहता है, गुनाह और ज़ुल्म के कामों में नहीं।
पाकिस्तान में डर का माहौल?
यह बयान ऐसे समय में आया है जब पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की तरफ से कड़ी सैन्य प्रतिक्रिया की आशंका से पाकिस्तान में कथित तौर पर डर का माहौल है। शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ पहले से ही विरोध के स्वर उठ रहे हैं, और अब एक प्रमुख धार्मिक नेता का इस तरह खुलकर सेना का साथ न देने की बात कहना, पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति और सेना के प्रति जनता के बदलते नज़रिए पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
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