Up Kiran, Digital Desk: ब्रिटेन में हाल के दिनों में अप्रवास विरोधी आक्रोश तेजी से बढ़ा है। शनिवार को लंदन की सड़कों पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए, जिन्होंने इमिग्रेशन नीति के खिलाफ अपना गहरा विरोध जताया। इस प्रदर्शन की अगुवाई दक्षिणपंथी नेता टॉमी रॉबिन्सन कर रहे थे, जिनका यह आंदोलन कई लोगों की उम्मीदों और नफरत दोनों का इजहार था। प्रदर्शनकारियों ने अपने नारे ‘हम अपना देश वापस चाहते हैं’ के जरिए सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए।
एलन मस्क का विवादित बयान, बढ़ा राजनीतिक उबाल
इस राजनीतिक माहौल में अरबपति उद्योगपति एलन मस्क ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी और ब्रिटेन की वर्तमान सरकार पर कटाक्ष किया। मस्क का मानना है कि देश संकट की ओर बढ़ रहा है और इसके लिए बड़े पैमाने पर अप्रवास जिम्मेदार है। उन्होंने यह भी कहा कि देश के सामने अब केवल दो रास्ते हैं — संघर्ष या विनाश। मस्क ने साफ तौर पर संकेत दिया कि मौजूदा लेबर पार्टी की अगुवाई वाली सरकार को गिराना जरूरी है और संसद को जल्द भंग कर नई चुनाव प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।
हिंसा की आशंका और बढ़ता तनाव
मस्क ने चेतावनी देते हुए कहा कि आने वाले समय में हिंसा का माहौल बन सकता है। उनके अनुसार यह स्थिति नियंत्रण से बाहर जा सकती है और प्रदर्शनकारियों के लिए लड़ना अनिवार्य हो जाएगा। उन्होंने अपने शब्दों में यह भी जताया कि हाल ही में उनके करीबी मित्र चार्ली किर्क की हत्या हुई है, जिसे वामपंथी वर्ग ने खुशी से मनाया। इस घटनाक्रम ने मस्क के आक्रोश को और बढ़ावा दिया है।
सत्तात्मक बदलाव की मांग के साथ बढ़ते संघर्ष के संकेत
हालांकि यह रैली अभिव्यक्ति की आज़ादी का हिस्सा मानी गई, लेकिन इसमें असल मुद्दा अवैध अप्रवास और उससे जुड़ी सामाजिक समस्याएं थीं। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पों की खबरें भी आईं, जो दर्शाती हैं कि इस आंदोलन के पीछे तनाव कितना गहरा है। टॉमी रॉबिन्सन और उनकी संगठन इंग्लिश डिफेंस लीग (ईडीएल) की सक्रियता ने इस मुद्दे को और ज्वलंत बना दिया है।
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