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Up Kiran, Digital Desk: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर विपक्षी गठबंधन ने 17 अगस्त से 'वोटर अधिकार यात्रा' की शुरुआत की है, जो राज्य के 23 जिलों में जाकर मतदाताओं के बीच चुनाव प्रक्रिया और मतदाता सूची में हो रहे कथित गड़बड़ियों के खिलाफ जागरूकता फैलाएगी। इस यात्रा का नेतृत्व कांग्रेस के राहुल गांधी और राजद के तेजस्वी यादव करेंगे।

विपक्ष इस यात्रा को केवल एक चुनावी प्रचार नहीं बल्कि लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प मानता है। उनका आरोप है कि चुनाव आयोग भाजपा के दबाव में आकर मतदाता सूची से कई गरीब, दलित और प्रवासी मतदाताओं के नाम गलत तरीके से हटाए जा रहे हैं, जिसे वे "वोट चोरी" कहते हैं। इसी के खिलाफ यह जन-आंदोलन है।

यात्रा की शुरुआत सासाराम से हुई, जहां राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत अन्य नेता मौजूद थे। इसके बाद यह यात्रा लगातार जिले-दर-जिले जाकर मतदाताओं से जुड़ती जाएगी और 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में इस अभियान का समापन होगा।

तेजस्वी यादव ने इस अभियान को लेकर चुनावी पारा गरम करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्र सरकार पर तीखे प्रहार किए हैं। उन्होंने मतदाता सूची में हेरफेर का आरोप लगाते हुए अपनी "युवा सरकार" के जरिए बिहार को नई दिशा देने का दावा किया।

वहीं, भाजपा इस यात्रा को विपक्ष की राजनीतिक रंजिश और भ्रम फैलाने की कोशिश बताती है। भाजपा नेताओं का कहना है कि बिहार की जनता एनडीए सरकार पर पूरा भरोसा रखती है और वे इस तरह के विरोध प्रदर्शनों को नजरअंदाज करेंगे।

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