
जब डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला, तो उनके द्वारा जारी किए गए पहले आदेशों में से एक देश की दक्षिणी सीमा पर राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा से संबंधित था। ट्रंप ने अपने आदेश में कहा था कि वह 90 दिनों के बाद 1807 के "विद्रोह अधिनियम" का उपयोग कर सकते हैं।
अब जबकि अमेरिका ने 20 अप्रैल के बाद सैनिकों की तैनाती शुरू कर दी है, तो देश में चिंता बढ़ गई है। लोगों को लगता है कि डोनाल्ड ट्रंप घुसपैठ रोकने के लिए सेना का इस्तेमाल कर सकते हैं। 1807 का विद्रोह अधिनियम संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति को विशेष परिस्थितियों में सेना और राष्ट्रीय गार्ड को तैनात करने की अनुमति देता है।
पूरे अमेरिका में लागू हो जाएगा ये कानून
अगर देश में विद्रोह, दंगे, हिंसा या कानून का उल्लंघन होता है तो इस कानून के तहत राष्ट्रपति सेना भेज सकते हैं ताकि स्थिति को नियंत्रण में लाया जा सके। वर्तमान में अमेरिकी नागरिक ट्रंप की नीतियों का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं। इसलिए, संभावना है कि सेना इस पर भी कार्रवाई करेगी।
पॉसे कॉमिटेटस अधिनियम - पॉसे कॉमिटेटस अधिनियम एक ऐसा कानून है जो आम तौर पर अमेरिकी सेना को देश में कानून और व्यवस्था के कार्यों में हस्तक्षेप करने से रोकता है। इसका मतलब यह है कि सेना आम नागरिकों के मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती।
1807 का राजद्रोह अधिनियम इससे भी अधिक सशक्त है। यदि राष्ट्रपति चाहें तो वे इस कानून का उपयोग देश में सेना तैनात करने के लिए कर सकते हैं। राष्ट्रपति सेना का कमांडर-इन-चीफ होता है, इसलिए उसे यह निर्णय लेने का अधिकार है कि सेना का उपयोग कहां, कब और कैसे किया जाए।
विद्रोह कानून और मार्शल लॉ एक जैसे लग सकते हैं, लेकिन दोनों में अंतर है। मार्शल लॉ सेना को संपूर्ण राज्य या क्षेत्र पर नियंत्रण करने का अधिकार देता है। इसका मतलब यह है कि सेना हर चीज का ध्यान रखती है, प्रशासन, कानून और व्यवस्था, और यहां तक कि सरकारी फैसले भी ले सकती है।
विद्रोही अधिनियम में ऐसा नहीं होता। सारी शक्ति राष्ट्रपति के पास है। यदि राष्ट्रपति को आवश्यकता महसूस हो तो वे सेना की सहायता ले सकते हैं ताकि कानून एवं व्यवस्था बनाए रखी जा सके। सरल शब्दों में कहें तो, मार्शल लॉ के तहत सेना सरकार का स्थान ले लेती है। तो वहीं विद्रोह कानून के तहत सेना केवल सरकार की सहायता कर सकती है, निर्णय नहीं ले सकती।
20 अप्रैल को क्या होगा - डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 20 जनवरी को जारी आदेश के अनुसार 90 दिन की छूट अवधि समाप्त हो रही है और 20 अप्रैल तक कुछ ही दिन शेष हैं। अब अधिकांश अमेरिकी मानते हैं कि संयुक्त राज्य अमेरिका में विद्रोह अधिनियम लागू किया जाएगा और 20 अप्रैल को सेना तैनात कर दी जाएगी।
22 जनवरी 2025 को अमेरिकी रक्षा विभाग ने दक्षिणी सीमा पर 1,500 सैनिक भेजे। यह सेना सीमा पर तैनात सैनिकों की सहायता के लिए भेजी गई थी। इनमें वायुसेना और खुफिया विभाग के कुछ अधिकारी भी शामिल थे। डोनाल्ड ट्रंप ने अभी तक कोई नया आदेश जारी नहीं किया है। इसलिए पुराने आदेश ही लागू हैं। इसलिए अमेरिकियों के बीच इस बात पर बहस चल रही है कि आगे क्या होगा।