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22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में भारी तनाव पैदा हो गया है। भारत की ओर से सिंधु जल संधि निलंबन और पाकिस्तानियों के वीजा रद्द करने जैसे कड़े कदम उठाए जाने के बाद, पाकिस्तान की तरफ से भी तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
पाकिस्तान के पीएम, विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री एक के बाद एक भारत को युद्ध की धमकी दे रहे हैं। इसी क्रम में पाकिस्तान के वरिष्ठ मंत्री हनीफ अब्बासी ने परमाणु हमले की खुली धमकी दी है। अब्बासी ने दावा किया कि पाकिस्तान के पास गौरी, शाहीन और गजनवी जैसी मिसाइलें और 130 परमाणु हथियार मौजूद हैं, जिन्हें "विशेष तौर पर भारत के लिए" तैयार रखा गया है। उन्होंने कहा कि ये सिर्फ दिखावे के लिए नहीं हैं। अगर भारत ने पानी की आपूर्ति रोकी, तो हमें कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
भारत द्वारा सिंधु जल संधि निलंबन के बाद पाकिस्तान ने भी जवाबी कदम उठाते हुए भारत के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है। अब्बासी ने दावा किया कि इसके दो दिन बाद ही भारतीय विमानन क्षेत्र में हलचल मच गई है और अगर यह स्थिति कुछ और दिन जारी रही तो भारत की एयरलाइंस दिवालिया हो सकती हैं।
रक्षा मंत्री मंत्री का कबूलनामा
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी हाल ही में एक बड़ा बयान दिया, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि पाकिस्तान ने बीते तीन दशकों में आतंकवादी समूहों को प्रशिक्षण और समर्थन दिया है। हालांकि उन्होंने इस गलती के लिए अमेरिका और ब्रिटेन जैसे पश्चिमी देशों को जिम्मेदार ठहराया। आसिफ ने कहा कि यदि हमने सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध में और 9/11 के बाद अमेरिका के साथ सहयोग नहीं किया होता, तो आज पाकिस्तान का रिकॉर्ड बेदाग होता।
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ती तल्खी ने क्षेत्रीय शांति के लिए गंभीर खतरा पैदा कर दिया है। दोनों देशों के बीच संवाद की कमी और बयानबाज़ी से यह तनाव और भी गहरा सकता है। अब दुनिया की निगाहें इस ओर टिकी हैं कि क्या दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देश शांति की राह पर लौटेंगे या तनाव का यह सिलसिला किसी बड़े टकराव की ओर बढ़ेगा।
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