
Up Kiran, Digital Desk: क्रिकेट में सब्र, मेहनत और उम्मीद की एक ऐसी कहानी लिखी गई है, जिसे सुनकर हर खेल प्रेमी मुस्कुरा देगा। वेस्टइंडीज़ के प्रतिभाशाली बल्लेबाज़ शाई होप ने आख़िरकार 2967 दिनों के लंबे इंतज़ार को ख़त्म करते हुए टेस्ट क्रिकेट में एक शानदार शतक जड़ दिया है।
यह सिर्फ़ एक शतक नहीं है, बल्कि यह शाई होप के अटूट हौसले की कहानी है। अपने 50वें टेस्ट मैच में साउथ अफ्रीका के ख़िलाफ़ खेलते हुए उन्होंने यह कारनामा किया। आपको जानकर हैरानी होगी कि शाई होप को अपना दूसरा टेस्ट शतक लगाने के लिए 8 साल से भी ज़्यादा का लंबा और मुश्किल सफ़र तय करना पड़ा।
8 साल पहले रचा था इतिहास, फिर खो गई थी लय
इससे पहले होप ने अपना आख़िरी टेस्ट शतक साल 2017 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ लगाया था, जब उन्होंने एक ही मैच की दोनों पारियों में शतक लगाकर वेस्टइंडीज़ को एक ऐतिहासिक जीत दिलाई थी। उस वक़्त ऐसा लगा था कि वेस्टइंडीज़ को एक नया महान बल्लेबाज़ मिल गया है। लेकिन उसके बाद टेस्ट क्रिकेट में उनकी फॉर्म ऐसी गिरी कि वह टीम से अंदर-बाहर होते रहे और अपनी पहचान एक लिमिटेड-ओवर (वनडे और T20) स्पेशलिस्ट बल्लेबाज़ के रूप में बना ली।
एक शतक और एक नया ऑल-टाइम रिकॉर्ड
2967 दिनों के बाद आया यह शतक अब वेस्टइंडीज़ क्रिकेट के इतिहास में एक नया रिकॉर्ड बन गया है। यह किसी भी वेस्टइंडीज़ बल्लेबाज़ द्वारा दो टेस्ट शतकों के बीच का सबसे लंबा अंतराल है।
भले ही वेस्टइंडीज़ यह मैच हार गया, लेकिन शाई होप की यह पारी सोने में लिखी जाएगी। यह उन लोगों के लिए एक जवाब है जो मानते थे कि होप का टेस्ट करियर लगभग ख़त्म हो चुका है। यह पारी दिखाती है कि अगर उम्मीद हो, तो इंतज़ार कितना भी लंबा क्यों न हो, वापसी हमेशा शानदार होती है।