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Up Kiran, Digital Desk: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही वनडे सीरीज का पहला मैच भारत के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं था। बारिश के बीच खेले गए इस मैच में भारत को 7 विकेट से करारी हार का सामना करना पड़ा। खासकर टीम के सीनियर बल्लेबाज, रोहित शर्मा और विराट कोहली का प्रदर्शन बेहद खराब रहा, जिससे सवाल उठने लगे थे। हालांकि, भारत के बैटिंग कोच सितांशु कोटक ने दोनों के प्रदर्शन का दोष मौसम को दिया है।

बारिश का असर, खिलाड़ियों का ध्यान भटकना

गुरुवार को एडिलेड में होने वाले दूसरे वनडे मुकाबले से पहले कोटक ने मीडिया से बातचीत में खुलासा किया कि बारिश की वजह से खिलाड़ियों के दिमाग में यह साफ नहीं था कि उन्हें कितने ओवर खेलने हैं। उनके अनुसार, बार-बार रुकने और फिर शुरू होने से खिलाड़ियों की एकाग्रता में खलल पड़ा।

कोटक ने इस बारे में कहा, "मुझे लगता है कि मौसम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसने खिलाड़ियों को मानसिक रूप से तैयार होने में मुश्किलें दीं। जब आपको पता ही न हो कि कितने ओवर खेलने हैं, तो यह बहुत कठिन होता है। हर 4-5 ओवर में खेल रुकता और फिर शुरू होता। ऐसे में योजनाओं को बदलने का काम बहुत जटिल हो जाता है।"

रोहित और कोहली की नेट प्रैक्टिस में दिखी मजबूती

कोटक ने हालांकि यह भी स्पष्ट किया कि रोहित और विराट दोनों की प्रैक्टिस नेट्स में अच्छी रही थी। उन्होंने कहा, "कल (मंगलवार) दोनों बहुत अच्छे टच में दिखे थे। वे नेट्स में शानदार बल्लेबाजी कर रहे थे।"

कोटके का जवाब, "IPL से मिली तैयारी ने नहीं दी कोई मदद"

हालांकि, यह बात साफ है कि पिछले कुछ महीनों में भारत के सीनियर बल्लेबाजों का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रदर्शन कमजोर रहा है। पर्थ में खेले गए पहले वनडे में रोहित केवल 4 गेंदों में 8 रन बनाकर आउट हो गए, जबकि विराट कोहली 8 गेंदों पर बिना खाता खोले ही पवेलियन लौट गए थे।

कोटक ने इस बारे में कहा, "मैं ऐसा नहीं सोचता कि आईपीएल के बाद खिलाड़ियों की तैयारी में कोई कमी थी। वे अच्छे टच में थे, और जैसा मैंने कहा, मौसम ने ही खेल के रूख को बदला। अगर ऑस्ट्रेलिया पहले बल्लेबाजी करती, तो भी शायद यही होता।"

गावस्कर की भविष्यवाणी: क्या प्रभावी होगा मौसम?

हालांकि, भारत के पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने पहले ही भविष्यवाणी की थी कि ऐसी स्थिति में खेल का परिणाम अनिश्चित हो सकता है। कोटक ने भी इस पर अपनी सहमति जताते हुए कहा, "हर दो ओवर में खेलने और फिर बाहर आने से खिलाड़ी मानसिक रूप से थक जाते हैं। यह कठिनाई का कारण बनता है।"