Up Kiran, Digital Desk: भारत के टी-20 कप्तान सूर्यकुमार यादव ने कैनबरा में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले मैच से पहले टीम के सामने चयन संबंधी दुविधाओं का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भारतीय क्रिकेट में विभिन्न भूमिकाओं में खिलाड़ियों की प्रचुरता एक सकारात्मक संकेत है। उनके अनुसार, यह दुविधा टीम के लिए सिरदर्द बन सकती है, लेकिन अंततः यह एक अच्छा संकेत है क्योंकि यह टीम की ताकत को दर्शाता है।
टीम संस्कृति की अहमियत
टीम के चयन में कई खिलाड़ियों के बीच होड़ है, लेकिन सूर्यकुमार ने इस बारे में कहा कि यह दुविधा टीम संस्कृति के कारण पैदा हुई है। उनका मानना है कि टीम का माहौल ऐसा है कि हर खिलाड़ी एक बड़े लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करता है। उन्होंने कहा, “टीम का चयन थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन इस टीम में माहौल ऐसा है कि हर कोई जानता है कि लक्ष्य जीतना है।”
संयोजन की लचीलापन और टीम का दृष्टिकोण
सूर्यकुमार ने यह भी बताया कि टीम के खिलाड़ियों में लचीलापन है। चाहे वह तेज़ गेंदबाज़ हों या स्पिनर, हर खिलाड़ी विभिन्न स्थिति में बल्लेबाजी करने के लिए तैयार है। इस लचीलापन के कारण, टीम प्रबंधन संयोजन को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं है। उनका एकमात्र उद्देश्य मैच जीतना है। सूर्यकुमार ने यह कहा, “अगर हमें मैच जीतना है, तो संयोजन की परवाह मत कीजिए। खिलाड़ी यह समझते हैं कि टीम के लक्ष्य के लिए क्या करना जरूरी है।”
खराब फॉर्म से बेपरवाह
हालांकि, 35 वर्षीय कप्तान हाल ही में एशिया कप 2025 में खराब फॉर्म से जूझ रहे थे, जिसमें सात पारियों में सिर्फ़ 72 रन बनाए थे। लेकिन उन्होंने अपनी खराब फॉर्म पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। उनका कहना था कि वह फॉर्म से ज्यादा टीम की सफलता में योगदान देने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। सूर्यकुमार ने बताया, “रन तो आखिरकार आएंगे ही, लेकिन टीम के लक्ष्य के लिए मेहनत करना ज्यादा महत्वपूर्ण है।”
एक मैच पर ध्यान केंद्रित करना
सूर्यकुमार का मानना है कि टीम के लिए एक समय में एक मैच पर ध्यान केंद्रित करना ज़्यादा प्रभावी है। उन्होंने कहा, “मैं एक समय में एक मैच पर ध्यान देता हूँ। अगर यह शुरू होता है, तो मुझे लगता है कि यह अच्छी बात होगी।” उनकी यह सोच टीम को स्थिरता और मानसिक रूप से मजबूत बनाए रखती है।
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