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Up Kiran, Digital Desk: नागरिकता को लेकर भारत में इन दिनों भ्रम की स्थिति बनी हुई है। खासतौर पर चुनावी मौसम में जब वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण होता है, तब कई लोग आधार कार्ड को नागरिकता के प्रमाण के तौर पर पेश कर देते हैं। लेकिन असल में यह सिर्फ एक पहचान पत्र है, न कि नागरिकता का प्रमाण।

भारत में नागरिकता साबित करने के लिए कौन से दस्तावेज मान्य हैं, यह जानकारी आम लोगों के लिए बहुत जरूरी है। इसके साथ ही, लोगों की जिज्ञासा यह जानने को भी होती है कि हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में नागरिकता का प्रमाण कैसे दिया जाता है और वहां किन कागज़ों को वैध माना जाता है।

भारत में नागरिकता के लिए जरूरी कागजात

जब बात आती है भारतीय नागरिक होने की पहचान की, तो आधार कार्ड उस लिस्ट में शामिल नहीं होता। यह केवल आपकी पहचान और पते की पुष्टि करता है। भारत में नागरिकता को मान्यता देने वाले दस्तावेजों में वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, जन्म प्रमाणपत्र और माता-पिता की नागरिकता से जुड़े कागज़ शामिल हैं।

कई बार लोग अनजाने में गलत दस्तावेज दिखा देते हैं, जिससे उनकी वैधता पर सवाल उठने लगते हैं। यही वजह है कि सही जानकारी का प्रसार बेहद जरूरी हो गया है।

पाकिस्तान में नागरिकता की स्थिति

अगर पाकिस्तान की बात करें, तो वहां नागरिकता साबित करने के लिए एक ही प्रमुख दस्तावेज होता है — कंप्यूटराइज्ड नेशनल आइडेंटिटी कार्ड (CNIC)। 18 वर्ष से अधिक उम्र के हर पाकिस्तानी नागरिक के लिए यह कार्ड अनिवार्य है। इसे पाकिस्तान की नेशनल डाटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी (NADRA) द्वारा जारी किया जाता है।

पुलिस या प्रशासन जब भी नागरिकता की पुष्टि करता है, तो सबसे पहले CNIC कार्ड ही मांगा जाता है। बैंक खाता खोलने से लेकर सरकारी नौकरी और अन्य ज़रूरी सेवाओं तक, CNIC के बिना काम नहीं चलता।

वहीं, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए शरणार्थियों के लिए यह कार्ड न होना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। उनके लिए रोजगार, शिक्षा और आवास जैसी सुविधाएं भी मुश्किल हो जाती हैं।

क्या आप पाकिस्तान की नागरिकता ले सकते हैं?

पाकिस्तान की नागरिकता पाने के लिए कुछ तय मानदंड हैं। अगर कोई विदेशी नागरिक पाकिस्तान में कई सालों तक वैध रूप से रहा है, उसका पुलिस वेरिफिकेशन साफ है और उस पर कोई आपराधिक मामला नहीं है, तो वह आवेदन कर सकता है।

इसके अलावा, यदि किसी की शादी किसी पाकिस्तानी नागरिक से हुई है और वह वैध रूप से दो साल से अधिक समय तक बनी रही है, तो इस आधार पर भी नागरिकता हासिल की जा सकती है।

कुछ विशेष मामलों में पाकिस्तान की सरकार विशेष अनुमति देकर नागरिकता प्रदान कर सकती है, लेकिन इसका अंतिम निर्णय गृह मंत्रालय द्वारा लिया जाता है।

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