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Up Kiran Digital Desk: वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स (WCL) के दूसरे सीज़न में जब क्रिकेट की जंग अपने अंतिम दौर में पहुँच रही है, तब मैदान से ज़्यादा सुर्खियाँ उसके बाहर की घटनाएँ बटोर रही हैं। भारत, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका सेमीफाइनल की दौड़ में तो पहुँच चुके हैं, लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाला सेमीफाइनल मुकाबला एक बार फिर राजनीतिक और भावनात्मक बहस का कारण बन गया है।

प्रदर्शन से ज़्यादा बहस में फंसी भारत चैंपियन टीम

इस टूर्नामेंट में भारतीय चैंपियन टीम ने अब तक प्रदर्शन के लिहाज़ से कोई खास धमाल नहीं मचाया। पांच मैचों में सिर्फ़ एक जीत दर्ज कर पाई टीम किसी चमत्कार की तरह सेमीफाइनल तक पहुँची। वेस्टइंडीज़ के खिलाफ़ हुए आख़िरी मुकाबले में टीम को बड़ा स्कोर कम ओवरों में हासिल करना था, और उन्होंने लक्ष्य से पहले ही जीत दर्ज कर अपना नेट रन रेट बेहतर करते हुए सेमीफाइनल में जगह बनाई।

पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से इनकार कर चुके हैं खिलाड़ी

लीग दौर के दौरान भारत और पाकिस्तान चैंपियंस के बीच मुकाबला तय था, लेकिन भारत के कई दिग्गज खिलाड़ी — जैसे शिखर धवन, सुरेश रैना, हरभजन सिंह और इरफान पठान — पाकिस्तान के खिलाफ खेलने मैदान में नहीं उतरे। नतीजतन, दोनों टीमों को एक-एक अंक दे दिया गया था। अब सेमीफाइनल में वही टकराव फिर सामने है, लेकिन सवाल उठ रहा है कि अगर इस बार भी भारत खेलने से इनकार करता है, तो क्या होगा?

वॉकओवर का विकल्प और टूर्नामेंट की विश्वसनीयता पर सवाल

नियमों के अनुसार, अगर भारत पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल नहीं खेलता, तो पाकिस्तान को सीधे फाइनल में वॉकओवर मिल जाएगा। यह स्थिति आयोजकों के लिए सिरदर्द बन सकती है, क्योंकि टूर्नामेंट की प्रतिस्पर्धात्मकता और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होंगे। वहीं, फैंस के लिए यह निराशा का विषय है, जो भारत-पाकिस्तान के बहुप्रतीक्षित मुकाबले का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे।

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