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Up Kiran, Digital Desk: शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के निधन के सालों बाद, एकनाथ शिंदे गुट के वरिष्ठ नेता रामदास कदम ने एक ऐसा सनसनीखेज और विस्फोटक दावा किया है, जिसने महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल ला दिया है। रामदास कदम ने बालासाहेब ठाकरे की मौत की परिस्थितियों पर गंभीर सवाल उठाते हुए इस मामले की सीबीआई जांच (CBI Probe) की मांग की है।

यही नहीं, अपने दावे को और पुख्ता करते हुए उन्होंने यहां तक कह दिया कि सच सामने लाने के लिए वह खुद नार्को टेस्ट (Narco Test) कराने के लिए तैयार हैं।

यह बयान ठाकरे परिवार और शिवसेना की राजनीति में एक नया और बेहद संवेदनशील अध्याय खोल सकता है।

क्या हैं रामदास कदम के आरोप?

रामदास कदम ने सीधे तौर पर तो किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा साफ तौर पर उद्धव ठाकरे की तरफ था। उन्होंने सवाल उठाया कि बालासाहेब को उनके आखिरी दिनों में "मानसिक पीड़ा" क्यों दी गई? उन्हें अकेला क्यों छोड़ दिया गया?

कदम का आरोप है कि बालासाहेब ठाकरे की मौत स्वाभाविक नहीं थी, बल्कि उन्हें पीड़ा दी गई थी, जिसकी सच्चाई देश के सामने आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह बालासाहेब के सच्चे शिवसैनिक हैं और अपने "साहेब" को न्याय दिलाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।

नार्को टेस्ट की चुनौती: रामदास कदम ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा, "मैं कह रहा हूं कि बालासाहेब की मौत की सीबीआई जांच होनी चाहिए। मैं नार्को टेस्ट के लिए भी तैयार हूं। क्या दूसरे लोग भी इसके लिए तैयार हैं?" उनकी यह चुनौती शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के लिए एक सीधी ललकार मानी जा रही है।

इस बयान के बाद महाराष्ट्र का राजनीतिक माहौल गरमा गया है। बालासाहेब ठाकरे शिवसेना के लिए सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि एक भावनात्मक मुद्दा हैं। उनकी मौत पर इस तरह के गंभीर सवाल उठाना शिंदे गुट द्वारा उद्धव ठाकरे को घेरने की अब तक की सबसे बड़ी और सीधी कोशिश मानी जा रही है। अब देखना यह होगा कि उद्धव ठाकरे गुट इस विस्फोटक आरोप का क्या जवाब देता है।