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Up Kiran, Digital Desk: पितृ पक्ष का हर दिन खास होता है, लेकिन नवमी तिथि का एक अलग और बहुत गहरा महत्व है। इसे 'मातृ नवमी' के नाम से भी जाना जाता है। जैसा कि नाम से ही जाहिर है, यह दिन विशेष रूप से परिवार की माताओं, बेटियों और बहुओं के श्राद्ध के लिए समर्पित होता है।
2025 में कब है मातृ नवमी: हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष की नवमी तिथि 12 सितंबर 2025, शुक्रवार को है। इसे 'अविधवा नवमी' भी कहते हैं, जिसका अर्थ है कि यह दिन उन सौभाग्यशाली महिलाओं की आत्मा की शांति के लिए भी है जिनकी मृत्यु उनके पति से पहले हो गई हो।
क्यों इतना खास है मातृ नवमी का दिन?
यह दिन पूरी तरह से मातृ शक्ति को समर्पित है। इस दिन परिवार में उन सभी महिलाओं का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है जिनकी मृत्यु हो चुकी है, चाहे वे मां हों, दादी हों, या परिवार की कोई अन्य महिला सदस्य। माना जाता है कि इस दिन श्राद्ध करने से घर की सभी दिवंगत महिला आत्माओं को शांति मिलती है और वे प्रसन्न होकर अपने वंशजों को सुख, सौभाग्य और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
कैसे करें इस दिन श्राद्ध: मातृ नवमी के दिन श्राद्ध की विधि थोड़ी अलग और विशेष होती है:
मातृ नवमी का दिन हमें यह याद दिलाता है कि परिवार की बुनियाद महिलाएं ही होती हैं, और मृत्यु के बाद भी उनका सम्मान और उनके प्रति आभार जताना हमारा परम कर्तव्य है।