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Up Kiran, Digital Desk: देश में आत्महत्या के आंकड़े एक दुखद हकीकत बयां कर रहे हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल देश में 1,71,418 लोगों ने अपनी जान दी। यह संख्या 2022 के मुकाबले 0.3% ज्यादा है।

रिपोर्ट में आत्महत्या के पीछे की जो दो सबसे बड़ी वजहें सामने आई हैं, वे बेहद चिंताजनक हैं:

पारिवारिक समस्याएं (31.9%),बीमारी (19.0%)

इन दो कारणों से ही देश में होने वाली कुल आत्महत्याओं में से आधे से ज्यादा जानें गईं।

किन राज्यों में हालात सबसे खराब?

रिपोर्ट के मुताबिक, देश में होने वाली कुल आत्महत्याओं में से लगभग आधी (49.0%) सिर्फ पांच राज्यों में हुईं।

महाराष्ट्र: 22,687 मामले

तमिलनाडु: 19,483 मामले

मध्य प्रदेश: 15,662 मामले

कर्नाटक: 13,330 मामले

पश्चिम बंगाल: 12,819 मामले

वहीं, देश की सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में आत्महत्या के मामले तुलनात्मक रूप से कम (कुल मामलों का 5.3%) दर्ज किए गए।

अन्य प्रमुख कारण:नशा/शराब की लत (7%)

शादी से जुड़ी समस्याएं (5.3%)प्रेम प्रसंग (4.7%)

दिवालियापन या कर्ज (3.8%)बेरोजगारी (1.8%)

परीक्षा में फेल होना (1.4%)

गृहणियों की स्थिति चिंताजनक: रिपोर्ट का एक और चौंकाने वाला आंकड़ा यह है कि 2023 में आत्महत्या करने वाली कुल महिलाओं में से 51.6% गृहणियां थीं। कुल आत्महत्याओं में उनकी हिस्सेदारी लगभग 14% रही, जो यह दिखाता है कि घरों की चारदीवारी के भीतर भी तनाव किस हद तक बढ़ा है।