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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय तकनीक और वित्तीय जगत (Financial Sector) के दिग्गज और इन्फोसिस के सह-संस्थापक (Co-founder) नंदन नीलेकणी (Nandan Nilekani) ने ग्लोबल फ़ाइनेंशियल इंफ्रास्ट्रक्चर (Global Financial Infrastructure) के लिए एक बिल्कुल नई और भविष्यवादी (Futuristic) अवधारणा पेश की है: 'फिन्टरनेट' (Finternet)।

जिस तरह UPI ने भारत में डिजिटल पेमेंट्स (Digital Payments) को पूरी तरह बदल कर रख दिया, उसी तरह नीलेकणी का मानना है कि 'फिन्टरनेट' अब दुनिया भर में वित्तीय लेनदेन (Financial Transactions) को एक नया आयाम देगा।

'फिन्टरनेट' क्या है और यह क्यों ख़ास है?

यह शब्द फाइनेंस (Finance) और इंटरनेट (Internet) को मिलाकर बनाया गया है। नीलेकणी के विचार से, 'फिन्टरनेट' सिर्फ़ एक और भुगतान (Payment) या लोन (Loan) देने का तरीक़ा नहीं है, बल्कि यह वित्तीय दुनिया के लिए वैसा ही एक खुला (Open), समावेशी (Inclusive) और साझा मंच (Shared Platform) होगा, जैसा इंटरनेट सूचना (Information) के लिए है।

यह कैसे काम करेगा? UPI से बड़ा कैनवस: यूपीआई (UPI) ने तत्काल पेमेंट संभव किया, 'फिन्टरनेट' उस पेमेंट को सामाजिक और वित्तीय संदर्भ (Socio-Financial Context) में जोड़ देगा। यह लोगों को न सिर्फ़ भुगतान की सुविधा देगा, बल्कि छोटे बिज़नेस के लिए बिना ज़्यादा कागज़ात के आसान लोन, सस्ती बीमा पॉलिसी और बिना रोक-टोक के निवेश के नए मौके देगा।

खुला आर्किटेक्चर (Open Architecture): जिस तरह इंटरनेट पर किसी का नियंत्रण नहीं है, उसी तरह 'फिन्टरनेट' किसी एक बैंक या बड़ी वित्तीय संस्था द्वारा नियंत्रित नहीं होगा। यह एक 'ओपन-सोर्स' (Open Source) सार्वजनिक डिजिटल इकोसिस्टम (Public Digital Ecosystem) होगा, जहाँ वित्तीय इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा।

डाटा और पहचान: इस पूरे इकोसिस्टम की नींव, मजबूत डाटा प्राइवेसी (Data Privacy) और डिजिटल पहचान (Digital Identity) पर रखी जाएगी।

नंदन नीलेकणी का मानना है कि भारत, जिसने UPI और आधार (Aadhaar) जैसी डिजिटल पब्लिक गुड्स (Digital Public Goods) की रचना की है, वह 'फिन्टरनेट' जैसी वैश्विक पहल में भी दुनिया का नेतृत्व (Lead) कर सकता है। उनका सपना है कि इस नए मॉडल के साथ, ग्लोबल फाइनेंस सिस्टम और ज़्यादा पारदर्शी (Transparent), किफ़ायती (Affordable) और सभी की पहुँच में हो।