_1884369744.png)
Up Kiran, Digital Desk: इस समय भारतीय सेना के 'ऑपरेशन सिंदूर' की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। पहलगाम हमले के जरिए आतंकवादियों ने देश में हिंदू-मुस्लिम नफरत फैलाने की कोशिश की। हालाँकि, इस बार भारतीय सेना ने सिर्फ हवाई हमले ही नहीं किये। इस प्रकार, हम नफरत के बीज उखाड़ने में सफल हुए हैं। इसके लिए महत्वपूर्ण थी 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद की प्रेस कॉन्फ्रेंस। इसमें सेना की दो महिलाओं ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा। इनमें से एक कर्नल सोफिया कुरैशी और दूसरी विंग कमांडर व्योमिका सिंह हैं। आज हम आपको देश में महिला शक्ति की प्रतीक सोफिया कुरैशी के बारे में बताएंगे। वह इस पद तक कैसे पहुंची? उनकी शिक्षा कहां हुई? उन्हें कितना वेतन मिलता है? सुविधाओं के बारे में क्या?
सोफिया कुरैशी के बारे में
कर्नल सोफिया कुरैशी का जन्म 1981 में वडोदरा, गुजरात में हुआ था। उन्होंने अपनी स्नातकोत्तर शिक्षा गुजरात से पूरी की। इसके बाद 1999 में सोफिया ने चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी में प्रशिक्षण लिया। उसी वर्ष उन्हें लेफ्टिनेंट के रूप में नियुक्त किया गया और उसके बाद सोफिया ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2006 में, सोफिया ने कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में कार्य किया। इसलिए 2010 में सोफिया शांति स्थापना मिशनों में शामिल रही।
सोफिया का वेतन और लाभ क्या
कर्नल के पद पर कार्यरत सोफिया कुरैशी को 1,21,200 रुपये से 2,12,400 रुपये के बीच मासिक वेतन मिल सकता है। वेतन के अलावा उन्हें कई अन्य प्रकार के भत्ते भी मिलते हैं। इसमें उन्हें हर महीने सैन्य सेवा भत्ते के रूप में 15,500 रुपये मिलते हैं। इसके अलावा, एक सैन्यकर्मी के रूप में उन्हें मकान किराया भत्ता, फील्ड एरिया भत्ता और परिवहन भत्ता भी मिलता है। इसके साथ ही सैन्यकर्मियों को वर्दी भत्ते के तहत 20,000 रुपये भी दिए जाते हैं।
ऑपरेशन सिंदूर कैसे हुआ
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान में 9 आतंकवादी शिविरों पर हवाई हमले किए हैं। इस ऑपरेशन के संबंध में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दो महिलाओं ने भाग लिया। ऐसा अनुमान है कि इस ऑपरेशन में लगभग 90 आतंकवादी मारे गये। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय को ध्वस्त कर दिया। मुरीदके स्थित लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय पर मिसाइलें दागी गईं। भारत ने 2016 और 2019 में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हमले किए। लेकिन इस बार भारतीय सेना ने सीधे पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों को नष्ट करने का साहसिक कार्य किया है।
--Advertisement--