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13 जून 2025 को इस्राइल ने ऑपरेशन राइजिंग लायन के तहत ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमला किया।  इस हमले में ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर और वैज्ञानिक मारे गए।  इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट किया कि जब तक ईरान से खतरा समाप्त नहीं होता, हमले जारी रहेंगे।  

इस्राइल को क्या हासिल हुआ?

1. ईरान की परमाणु क्षमता को कमजोर करना: इस्राइल का उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बाधित करना था, जिससे ईरान की परमाणु क्षमता में कमी आई।


2. सैन्य नेतृत्व को निशाना बनाना: हमले में ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर और वैज्ञानिक मारे गए, जिससे ईरान की सैन्य संरचना को नुकसान पहुंचा।


3. दक्षिणी सीमा की सुरक्षा: इस्राइल ने ईरान के हमलों से अपनी दक्षिणी सीमा की सुरक्षा को मजबूत किया।

 

अब आगे क्या होगा?

ईरान ने इस हमले का जवाब देते हुए 150 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें इस्राइल पर दागी, जिससे जेरूसलम और तेल अवीव में नुकसान हुआ।   इस्राइल के एयर डिफेंस सिस्टम ने अधिकांश मिसाइलों को नष्ट कर दिया, लेकिन कुछ मिसाइलें लक्ष्य तक पहुंची।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेषकर संयुक्त राष्ट्र, ने दोनों देशों से संयम बरतने और संघर्ष को बढ़ने से रोकने की अपील की है।  

इस संघर्ष के परिणामस्वरूप पश्चिम एशिया में अस्थिरता बढ़ने की संभावना है, जिससे वैश्विक शांति और सुरक्षा पर प्रभाव पड़ सकता है। 
 

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