
Up Kiran, Digital Desk: तमिलनाडु के पुलिस महकमे की कमान को लेकर एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। राज्य सरकार ने वरिष्ठ IPS अधिकारी जी. वेंकटरमन को राज्य का नया कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (Acting DGP) और पुलिस बल का प्रमुख नियुक्त किया है। यह नियुक्ति इसलिए विवादों में है क्योंकि इस प्रक्रिया में छह वरिष्ठ IPS अधिकारियों को नजरअंदाज कर दिया गया, जिसे लेकर विपक्ष ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है।
वेंकटरमन ने रविवार को अपना नया पदभार संभाला। उनसे पहले 1990 बैच के IPS अधिकारी शंकर जिवाल इस पद पर थे, जो रिटायर हो गए हैं। रिटायरमेंट के बाद जिवाल को 1 सितंबर से नवगठित तमिलनाडु फायर कमीशन का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
बीजेपी ने खोला मोर्चा, बताया 'गैरकानूनी' कदम
बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, के. अन्नामलाई, ने इस नियुक्ति की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इसे "कानूनी रूप से संदिग्ध" और पुलिस बल का "मनोबल गिराने वाला" कदम बताया है। अन्नामलाई ने इस बात पर जोर दिया कि वेंकटरमन को चुनने के लिए सरकार ने छह वरिष्ठ IPS अधिकारियों को दरकिनार कर दिया, जिससे पुलिस प्रतिष्ठान के भीतर एक "अनावश्यक पदानुक्रमिक व्यवधान" पैदा हो गया है।
इन 6 वरिष्ठ अधिकारियों को किया गया नजरअंदाज:
सीमा अग्रवाल
संदीप राय राठौर
अभय कुमार सिंह
वन्नियपेरुमल
राजीव कुमार
प्रमोद कुमार
अन्नामलाई ने दावा किया कि इस फैसले से पुलिस बल के अंदर ही मतभेद पैदा होंगे और पूरे राज्य में पुलिस के काम की प्रभावशीलता से समझौता होगा।
क्या 8 अफसरों ने किया था समारोह का बहिष्कार?
अन्नामलाई के बयानों के अनुसार, नियुक्ति समारोह के दौरान माहौल काफी तनावपूर्ण था। उन्होंने आरोप लगाया कि इस नियुक्ति के विरोध में छह वरिष्ठ अधिकारियों और दो जूनियर अधिकारियों ने कार्यक्रम का बहिष्कार किया था। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक एकीकृत पुलिस नेतृत्व की आवश्यकता है, इस तरह का आंतरिक विभाजन कानून-व्यवस्था को कमजोर करेगा।
महिला सुरक्षा की रिपोर्ट का दिया हवाला
अपनी आलोचना को और पुख्ता करते हुए, अन्नामलाई ने महिला सुरक्षा पर 'NARI 2025' रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें 31 प्रमुख भारतीय शहरों में चेन्नई को 21वें स्थान पर रखा गया था। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार, चेन्नई में केवल 6% महिलाएं ही पूरी तरह से सुरक्षित महसूस करती हैं, जबकि 48% असुरक्षित महसूस करती हैं। अन्नामलाई ने तर्क दिया कि ये आंकड़े मौजूदा कानून-व्यवस्था की चुनौतियों को दर्शाते हैं, जो पुलिस बल में आंतरिक कलह से और भी बिगड़ सकती है।
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