
Up Kiran, Digital Desk: बॉलीवुड की दुनिया में एक्ट्रेस अपनी फिटनेस और ग्लैमर के लिए जानी जाती हैं, लेकिन सैयामी खेर सिर्फ एक एक्ट्रेस नहीं हैं। वह एक ऐसी 'योद्धा' हैं, जो खुद को चुनौती देने का कोई मौका नहीं छोड़तीं। उन्होंने एक बार नहीं, बल्कि एक साल के अंदर दो-दो बार दुनिया की सबसे कठिन रेसों में से एक 'आयरनमैन 70.3' को पूरा करके यह साबित कर दिया है कि उनके लिए सीमाओं का कोई मतलब नहीं है।
यह कहानी किसी रिकॉर्ड की नहीं, बल्कि उस जिद और जुनून की है जो हमें अपनी नजरों में चैंपियन बनाता है।
क्या है यह आयरनमैन 70.3 की चुनौती?
इसे आसान भाषा में 'इंसान की सहनशक्ति का इम्तिहान' कहा जाता है। इसमें आपको बिना रुके तीन काम करने होते हैं:
1.9 किलोमीटर की तैराकी (Swimming)
90 किलोमीटर की साइकिलिंग (Cycling)
21.1 किलोमीटर की दौड़ (Running)
यह सब एक के बाद एक, बिना किसी लंबे ब्रेक के पूरा करना होता है। अच्छे-अच्छे एथलीट भी इसे पूरा करने से पहले सौ बार सोचते हैं।
सैयामी का ‘डबल धमाका: सैयामी ने यह अविश्वसनीय कारनामा पहली बार तमिलनाडु के कोटागिरी की मुश्किल पहाड़ियों में किया, और अब कुछ ही महीनों के अंदर उन्होंने पोलैंड में भी इस रेस को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया। जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने यह दोबारा क्यों किया, तो उनका जवाब हर किसी का दिल जीत रहा है।
सैयामी ने कहा, "मेरा मकसद कोई रिकॉर्ड तोड़ना नहीं था।"
उन्होंने बताया कि यह रेस उनके लिए खुद को चुनौती देने, अपनी सीमाओं को जानने और एक इंसान के तौर पर बेहतर बनने का एक जरिया है। उन्होंने कहा, "हर रेस आपको कुछ नया सिखाती है। कोटागिरी की चढ़ाई वाली साइकिलिंग बिल्कुल अलग थी, और पोलैंड का ठंडा मौसम और सीधी सड़कें एक नई चुनौती थीं। यह अनुभव आपको सिखाता है कि आप किसी भी परिस्थिति में ढल सकते हैं।"
सिर्फ एक एक्ट्रेस नहीं, एक प्रेरणा: सैयामी की यह उपलब्धि उन सभी के लिए एक प्रेरणा है जो सोचते हैं कि वे कुछ नहीं कर सकते। वह हमें सिखाती हैं कि असली मुकाबला दूसरों से नहीं, बल्कि खुद से होता है। वह किसी और को हराने के लिए नहीं दौड़तीं, बल्कि अपने अंदर के डर और अपनी पिछली सीमाओं को हराने के लिए दौड़ती हैं।
'घूमर' जैसी फिल्म में एक पैरा-एथलीट का किरदार निभाने वाली सैयामी असल जिंदगी में भी एक चैंपियन की तरह जीती हैं। वह हमें याद दिलाती हैं कि अगर आपमें कुछ करने का जज्बा है, तो आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं, चाहे आप एक्टर हों, डॉक्टर हों या कोई और।
अगली बार जब आपको लगे कि कोई काम बहुत मुश्किल है, तो सैयामी खेर की इस कहानी को याद कर लेना। शायद आपको भी अपनी छिपी हुई ताकत का एहसास हो जाए।