_838096495.png)
Up Kiran, Digital Desk: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी पूरी हो चुकी है। 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में वोटिंग होगी। मतगणना 14 नवंबर को होगी। राज्य में राजनीतिक हलचल तेज़ हो गई है। पार्टियां सीट बंटवारे और उम्मीदवारों की फाइनल लिस्ट पर चर्चा कर रही हैं। कई जगह उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह पहले ही मिल चुका है।
जनता दल (यूनाइटेड) और भाजपा ने मिलकर 101-101 सीटें बांट ली हैं। इस गठबंधन ने चुनाव मैदान में मजबूत मौजूदगी दर्ज कराई है। दोनों दल एकजुट होकर विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।
नीतीश कुमार की राजनीतिक यात्रा बिहार में हमेशा चर्चा का विषय रही है। उन्होंने अब तक आठ बार मुख्यमंत्री पद संभाला है। उनका पहला कार्यकाल 2000 में शुरू हुआ था और वर्तमान में वे नौवें कार्यकाल पर हैं। पिछले वर्षों में उन्होंने भाजपा और राजद दोनों के साथ गठबंधन में काम किया।
हालांकि, दिलचस्प बात यह है कि नीतीश कुमार ने कभी भी विधानसभा चुनाव सीधे नहीं लड़ा। वे हमेशा बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे हैं। आखिरी बार उन्होंने 1995 में हरनौत सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा में प्रवेश किया था। इसके बाद वे लगातार लोकसभा और विधान परिषद के सदस्य रहे।
अब सवाल यह है कि क्या नीतीश कुमार इस बार विधानसभा चुनाव में उतरेंगे? उनकी उम्र और राजनीतिक अनुभव को देखते हुए, वे चुनाव लड़ने से बच सकते हैं। साथ ही, एनडीए ने भी अभी तक उन्हें मुख्यमंत्री पद का आधिकारिक उम्मीदवार घोषित नहीं किया है।
नीतीश कुमार के चुनाव मैदान में उतरने या न उतरने का फैसला बिहार के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकता है। चुनाव की सख्त लड़ाई में उनके कदम पर सभी की निगाहें टिकी हैं।