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Up Kiran, Digital Desk: न्यू ईयर ईव के जश्न की चकाचौंध के बीच, एक बड़ा संकट मंडरा रहा है। न्यू ईयर से ठीक पहले, 31 दिसंबर को, ज़ोमैटो, स्विगी, ब्लिंकिट, ज़ेप्टो, फ्लिपकार्ट, बिगबास्केट और अमेज़न जैसे बड़े प्लेटफॉर्म से जुड़े गिग वर्कर्स ने देश भर में हड़ताल (स्विगी ज़ोमैटो वर्कर स्ट्राइक) की घोषणा की है। यह हड़ताल न्यू ईयर ईव के जश्न में खलल डाल सकती है, क्योंकि खाने-पीने, किराने के सामान और दूसरी ऑनलाइन डिलीवरी की मांग सामान्य से ज़्यादा है।

10-मिनट डिलीवरी का विरोध

जब पूरा देश और दुनिया 2026 के स्वागत में डूबी हुई है, ये डिलीवरी पार्टनर अपनी घटती कमाई, असुरक्षित 10-मिनट डिलीवरी मॉडल, सोशल सिक्योरिटी की कमी और एल्गोरिदम के दबाव के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं। यूनियनों का दावा है कि लाखों वर्कर्स इसमें शामिल होंगे, जिससे बड़े शहरों में डिलीवरी सर्विस पर बुरा असर पड़ सकता है।

विरोध क्यों हो रहा

गिग वर्कर्स का कहना है कि 10-20 मिनट डिलीवरी मॉडल वर्कर्स पर खतरनाक दबाव डालता है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। देरी की ज़िम्मेदारी हमेशा डिलीवरी एजेंट की होती है। एल्गोरिदम-बेस्ड फाइन और ID ब्लॉकिंग से रोज़ी-रोटी पर असर पड़ता है।

मुख्य मांगें क्या हैं?

इस हड़ताल का मुख्य कारण तेज़ी से काम करने वाली कंपनियों का '10-मिनट डिलीवरी' मॉडल है, जिसे मज़दूर जानलेवा और असुरक्षित बता रहे हैं। इंडियन फ़ेडरेशन ऑफ़ ऐप-बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स (IFAT) ने सरकार को मांगों का 10-पॉइंट का मेमोरेंडम दिया है। मुख्य मांगों में डिलीवरी पार्टनर के लिए कम से कम 24,000 रुपये महीने की इनकम, राइड-हेलिंग ड्राइवरों के लिए 20 रुपये प्रति km का रेट, और उन्हें 'पार्टनर' के बजाय 'कर्मचारी' का कानूनी दर्जा देना शामिल है, ताकि वे लेबर कानूनों के दायरे में आ सकें।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से दखल देने की अपील

यूनियनों ने केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया को चिट्ठी लिखकर उनसे तुरंत दखल देने की अपील की है। मज़दूरों का आरोप है कि कंपनियां मुनाफ़े के लिए उनकी सुरक्षा से समझौता कर रही हैं। उनकी मांगों में हेल्थ और एक्सीडेंट इंश्योरेंस जैसी सोशल सिक्योरिटी, काम के घंटे आठ घंटे तक सीमित करना, और बिना किसी सही वजह के मनमाने ढंग से ID ब्लॉक करना बंद करना शामिल है। वे एल्गोरिदम में ट्रांसपेरेंसी और कमीशन डिडक्शन पर ज़्यादा से ज़्यादा 20% की लिमिट भी चाहते हैं।