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Up Kiran, Digital Desk: बिहार की सियासी फिजा में इन दिनों कई अनोखे और चौंकाने वाले चेहरे दिखाई दे रहे हैं। बेगूसराय के चेरिया बरियारपुर विधानसभा क्षेत्र से एक 72 वर्षीय किसान ने राजनीति की जमीनी लड़ाई में उतरने का फैसला लिया है, और उनकी ये एंट्री लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है।

कौन हैं राम स्वार्थ प्रसाद?

बाड़ा खोदावंदपुर गांव के रहने वाले राम स्वार्थ प्रसाद ने 'प्रोटेस्ट सर्व समाज पार्टी' के बैनर तले अपना नामांकन दाखिल किया है। उम्र भले ही बढ़ चुकी हो, लेकिन उनके इरादों में कोई कमी नहीं है। झुर्रियों से भरे चेहरे के पीछे एक मजबूत सोच और बदलाव की भूख साफ नजर आती है।

राम स्वार्थ प्रसाद का कहना है कि बिहार की तमाम सरकारों ने कभी भी किसानों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया। सबसे बड़ा मुद्दा है कि आज तक कृषि को उद्योग का दर्जा नहीं दिया गया, जबकि यही राज्य की रीढ़ है।

राजनीति में क्यों आए?

प्रसाद बताते हैं कि वे वर्षों से जनता की समस्याएं सुनते आ रहे हैं, लेकिन नेताओं की बेरुखी ने उन्हें इस उम्र में चुनाव लड़ने को मजबूर कर दिया। उनका मानना है कि अगर बदलाव लाना है तो सिस्टम के अंदर से लड़ना जरूरी है। वे कहते हैं, "समस्याओं को देखकर अब सहन नहीं होता, इसलिए हमने खुद मोर्चा संभालने का निर्णय लिया है।"

उनकी चुनावी प्राथमिकताएं क्या हैं?

राम स्वार्थ प्रसाद का विजन साफ है:

शिक्षा को पूरी तरह से निशुल्क बनाना

कृषि को उद्योग का दर्जा दिलवाना

विदेशी उत्पादों के आयात पर रोक लगाना

स्थानीय स्तर पर लघु उद्योग स्थापित कर रोजगार के अवसर पैदा करना

वे मानते हैं कि जब तक गांव के युवाओं को घर के पास काम नहीं मिलेगा, तब तक पलायन नहीं रुकेगा और विकास सिर्फ बातों तक सीमित रहेगा।