
bulldozer action on temple: दिल्ली, मयूर विहार-2 – दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के बागवानी विभाग ने मयूर विहार-2 स्थित संजय झील पार्क में बने तीन मंदिरों को तोड़ने का नोटिस चिपका दिया है, जिससे स्थानीय लोगों में भारी रोष व्याप्त हो गया है। नोटिस में कहा गया है कि चूंकि ये मंदिर ग्रीन बेल्ट में स्थित हैं, इसलिए इन्हें या तो स्वैच्छिक रूप से हटा लिया जाए या बुलडोजर द्वारा हटाया जाएगा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ये मंदिर लगभग 40 साल पुराने हैं और हर साल दुर्गा पूजा और सरस्वती पूजा जैसे धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन मंदिरों का निर्माण जम्मू-कश्मीर से आए कश्मीरी पंडितों ने किया था, और अब अचानक इस तरह का नोटिस मिलने से लोग नाराज हैं।
मंदिर तोड़ने के लिए पहुंचा बुलडोजर तो पूजा करने लगे लोग
नोटिस मिलने के बाद से ही सेक्टरवासियों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। रातभर चले इस विरोध के दौरान निवासियों ने मंदिरों को बचाने के लिए पूजा-अर्चना की। सुबह करीब 5 बजे, प्रशासन के एक दर्जन से ज्यादा बुलडोजर मंदिरों को तोड़ने के लिए पार्क में पहुंच गए थे। लेकिन स्थानीय लोगों के हंगामे और पूजा अर्चना करने के चलते प्रशासन को कार्रवाई रोकनी पड़ी।
विधायक रवि नेगी ने बताया कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली के राज्यपाल से बातचीत की और डीडीए के अधिकारियों से संपर्क कर बुलडोजर की कार्रवाई को रुकवाया।
नोटिस की वैधता पर सवाल
निवासियों ने नोटिस को लेकर कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि नोटिस पर अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं हैं, जिससे इसकी वैधता पर संदेह पैदा होता है। कालीबाड़ी मंदिर के पुजारी ने कहा कि मैं पिछले 10 सालों से यहां पूजा कर रहा हूं। कभी कोई समस्या नहीं थी, लेकिन अब अचानक यह नोटिस आ गया है।
दूसरे मंदिर अमरनाथ मंदिर के पुजारी ने भी इसी तरह की चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ये मंदिर कश्मीरी पंडितों द्वारा बनाया गया था और अब अचानक नोटिस जारी कर दिया गया। हमने रात में कोर्ट में अपील भी की थी। बद्रीनाथ मंदिर के पुजारी ने कहा कि यहां लोग मिलकर पूजा करते हैं और प्रति वर्ष त्योहारों को खुशी से मनाते हैं। हमें पहले से कोई सूचना नहीं दी गई।
तो वहीं अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या प्रशासन उनकी मांगों पर ध्यान देगा और इस मुद्दे का समाधान निकालेगा।