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Up Kiran, Digital Desk: आज सुबह गाजियाबाद के हिंडन एयर बेस का नज़ारा कुछ और ही था। यहाँ जमीन से लेकर आसमान तक सिर्फ जोश, जज्बा और गर्व की गूंज सुनाई दे रही थी। मौका था भारतीय वायुसेना के 93वें स्थापना दिवस का, एक ऐसा दिन जब हर देशवासी का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है और आसमान में हमारे जांबाज पायलटों की दहाड़ से दुश्मनों के दिल दहल जाते हैं।

भारतीय वायुसेना, जिसे फक्र से 'आसमान के पहरेदार' कहा जाता है, ने आज अपनी 93वीं सालगिरह मनाई। इस मौके पर हिंडन एयर बेस पर एक ऐसी शानदार परेड और एयर शो का आयोजन किया गया जिसे देखकर रोंगटे खड़े हो गए।

आसमान में दिखी 'आत्मनिर्भर भारत' की ताकत

इस बार का एयर शो बहुत खास था क्योंकि इसमें दुनिया के आधुनिक लड़ाकू विमानों राफेल और सुखोई-30 ने तो अपनी ताकत दिखाई ही, लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान खींचा भारत में बने 'तेजस' लड़ाकू विमान और 'प्रचंड' हेलिकॉप्टरों ने। जब इन 'मेड इन इंडिया' विमानों ने आसमान में कलाबाजियां कीं, तो यह सिर्फ एक करतब नहीं था, बल्कि यह 'आत्मनिर्भर भारत' की वो तस्वीर थी जिसका सपना हर भारतीय देखता है।

सूर्य किरण और सारंग टीमों के करतबों ने तो जैसे आसमान में तिरंगा ही बना दिया। विमानों का एक दूसरे से कुछ इंच की दूरी पर उड़ना और हवा में गोता लगाना यह दिखाता है कि हमारे पायलट दुनिया में किसी से कम नहीं हैं।

एयर चीफ मार्शल ने दिया बड़ा संदेश

इस मौके पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह ने देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने देश को यकीन दिलाया कि "हमारी आसमानी सरहदें महफूज हाथों में हैं।"

उन्होंने वायुसेना के बहादुर जवानों की तारीफ की और भविष्य की जंगों के लिए टेक्नोलॉजी और 'मेक इन इंडिया' पर जोर देने की बात की। वायुसेना का मोटो है - 'नभः स्पृशं दीप्तम्', जिसका मतलब है 'शान से आकाश को छूना', और आज हिंडन के आसमान में हमारे वीर जवानों ने इस बात को सच कर के दिखा दिया।

यह दिन सिर्फ वायुसेना का नहीं है, यह हर उस भारतीय का है जो चैन की नींद सो पाता है क्योंकि उसे पता है कि आकाश में हमारे पहरेदार जाग रहे हैं। भारतीय वायुसेना के हर जवान को सलाम!