
Up Kiran, Digital Desk: क्रिकेट का खेल सिर्फ बल्ले और गेंद का कमाल नहीं, बल्कि जज़्बे और हिम्मत की भी कहानी है। मैदान पर उतरने वाला हर खिलाड़ी अपना सब कुछ झोंक देता है। लेकिन कुछ ऐसे पल भी आते हैं जब खिलाड़ी शारीरिक दर्द से जूझते हुए भी मैदान पर डटे रहते हैं, और उनकी ये हिम्मत हर किसी को हैरान कर देती है।
ये वो खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपनी चोट को खेल के जुनून पर हावी नहीं होने दिया और अपने देश या टीम के लिए दर्द को सहकर भी मैदान पर टिके रहे। ऐसे ही कुछ महान खिलाड़ी हैं जिनकी कहानियां हमें प्रेरित करती हैं।
रिषभ पंत (Rishabh Pant) भारतीय क्रिकेट के युवा और धाकड़ बल्लेबाज रिषभ पंत का नाम इस लिस्ट में सबसे ऊपर आता है। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गाबा टेस्ट में जब भारतीय टीम चोटों से जूझ रही थी, तब पंत ने टूटे हुए अंगूठे और कई अन्य चोटों के बावजूद ऐतिहासिक पारी खेली। उनके दर्द ने उनकी बल्लेबाजी को नहीं रोका और उन्होंने भारत को उस मैच में और सीरीज जितवाने में अहम भूमिका निभाई। यह सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प की कहानी थी। उनके इस बलिदान को भारतीय क्रिकेट फैंस हमेशा याद रखेंगे।
अनिल कुंबले (Anil Kumble) 'जंबो' के नाम से मशहूर भारतीय लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने वेस्टइंडीज दौरे पर एक टेस्ट मैच के दौरान टूटे हुए जबड़े के साथ गेंदबाजी करके पूरी दुनिया को हैरान कर दिया था। उनके चेहरे पर पट्टी बंधी थी, दर्द असहनीय रहा होगा, लेकिन उन्होंने मैदान नहीं छोड़ा। उन्होंने न सिर्फ गेंदबाजी की, बल्कि ब्रायन लारा का महत्वपूर्ण विकेट भी लिया। यह भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे प्रेरक पलों में से एक है, जो दिखाता है कि देश के लिए खेलने का जुनून किस हद तक जा सकता है। कुंबले ने साबित कर दिया कि असली हीरो कभी हार नहीं मानते।
शेन वॉटसन आईपीएल जैसे हाई-इंटेंसिटी टूर्नामेंट में भी खिलाड़ियों ने ऐसी मिसालें पेश की हैं। ऑस्ट्रेलिया के धुरंधर ऑलराउंडर शेन वॉटसन का उदाहरण लें। आईपीएल 2019 के फाइनल में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलते हुए उनके घुटने से खून बह रहा था, लेकिन उन्होंने इसकी परवाह किए बिना अपनी टीम के लिए बल्लेबाजी जारी रखी। उन्होंने उस मैच में शानदार पारी खेली, भले ही उनकी टीम मैच हार गई, लेकिन वॉटसन ने अपनी प्रतिबद्धता और खेल भावना से सभी का दिल जीत लिया।
सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने अपने लंबे करियर में कई बार चोटों से जूझते हुए भी खेलना जारी रखा। उनकी कोहनी, उंगलियों और पीठ की चोटें अक्सर चर्चा में रहीं, लेकिन इन सब के बावजूद उन्होंने मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया और अनगिनत रिकॉर्ड बनाए। उनका धैर्य और खेल के प्रति समर्पण उन्हें एक महान खिलाड़ी बनाता है।
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