img

Up Kiran, Digital Desk: जिंदगी में कई बार ऐसे मोड़ आते हैं, जब सब कुछ अनिश्चित और धुंधला सा लगने लगता है। भविष्य की चिंता, डर और बेचैनी हमें घेर लेती है। ऐसे पलों में मन को शांत रखना और सही दिशा में सोचना सबसे मुश्किल काम होता है। लेकिन जानी-मानी अभिनेत्री मनीषा कोइराला ने इसका एक बहुत ही सरल और गहरा समाधान ढूंढ निकाला है "ठहराव का योग" (Stillness Yoga)।

मनीषा, जिन्होंने कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को मात दी है, अक्सर जिंदगी के उतार-चढ़ावों पर अपने विचार साझा करती रहती हैं। हाल ही में उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए बताया कि जब भी जीवन में अनिश्चितता का दौर आता है या उन्हें बेचैनी महसूस होती है, तो वह 'स्टिलनेस योग' का सहारा लेती हैं।

उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, "जब भी मैं भविष्य को लेकर अनिश्चित होती हूं और मेरा मन बेचैन हो जाता है, तो मैं इस पल में लौट आती हूं और 'स्टिलनेस' में चली जाती हूं। यहीं पर मुझे मेरा केंद्र, मेरी शक्ति और शांति मिलती है।"

क्या है यह ‘स्टिलनेस योग: 'स्टिलनेस' का मतलब है - ठहराव। यह कोई जटिल योगासन नहीं, बल्कि अपने अंदर की शांति को खोजने का एक तरीका है। इसका मकसद बाहरी दुनिया के शोर और मन की उथल-पुथल से हटकर, कुछ पल सिर्फ अपने साथ बिताना है। यह एक तरह का ध्यान है, जहां आप बिना कुछ किए, बिना कुछ सोचे, बस शांति से बैठते हैं और अपने भीतर के मौन को सुनते हैं।

मनीषा की यह बात हमें सिखाती है कि जीवन की हर मुश्किल का जवाब बाहरी दुनिया में नहीं, बल्कि हमारे अंदर ही छिपा है। जब भी हम डरे हुए या भ्रमित महसूस करें, तो कुछ देर के लिए सब कुछ छोड़कर बस शांत हो जाएं। यह ठहराव हमें नई ऊर्जा देता है और चीजों को एक नए नजरिए से देखने की ताकत भी।

मनीषा कोइराला का यह तरीका उन सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा है, जो जिंदगी की मुश्किलों से जूझ रहे हैं। अगली बार जब आपका मन भी बेचैन हो, तो इस 'स्टिलनेस योग' को जरूर आजमाकर देखें।