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Up Kiran, Digital Desk: सोने की पारंपरिक चमक हो या क्रिप्टोकरेंसी की नई डिजिटल दुनिया, आज के भारतीय युवा निवेशक इन सभी क्षेत्रों में आत्मविश्वास से कदम बढ़ा रहे हैं। अब सिर्फ दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहर ही नहीं, बल्कि छोटे शहरों के युवा भी डिजिटल करेंसी जैसी नई निवेश रणनीतियों को अपना रहे हैं। साल 2024-25 में यह साफ दिख रहा है कि भारतीय युवा पारंपरिक निवेश के तरीकों से आगे बढ़कर नए और डिजिटल माध्यमों को ज़्यादा तरजीह दे रहे हैं। क्रिप्टोकरेंसी और सोना उनकी प्राथमिकता सूची में ऊपर आ रहे हैं, साथ ही म्यूचुअल फंड में SIP का चलन भी ज़ोरों पर है। यह बदलाव निवेश की दुनिया को एक नए युग की ओर ले जा रहा है।

आइए जानते हैं कि आज के युवा कहाँ और क्यों निवेश कर रहे हैं:

 

1. क्रिप्टोकरेंसी: डिजिटल दौर का नया निवेश

बढ़ती लोकप्रियता: भारत में क्रिप्टो निवेशकों की संख्या 1.9 करोड़ (19 मिलियन) से ज़्यादा हो गई है, और इनमें से लगभग 75% युवा (18-35 साल की उम्र के) हैं।

शहरों का रुझान: दिल्ली, बेंगलुरु और मुंबई जैसे बड़े शहर क्रिप्टो निवेश के गढ़ बन गए हैं। अकेले दिल्ली में ही देश का 8.8% क्रिप्टो निवेश होता है। दिल्ली-एनसीआर में तो 60% से ज़्यादा निवेशक 25 साल से कम उम्र के हैं।

पसंदीदा कॉइन: बिटकॉइन, इथेरियम और डॉजकॉइन युवाओं के बीच सबसे ज़्यादा लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी हैं।

छोटे शहरों में भी क्रेज: खास बात यह है कि अब नागपुर, जयपुर और लखनऊ जैसे छोटे शहरों के युवा निवेशक भी पारंपरिक निवेश विकल्पों को छोड़कर क्रिप्टोकरेंसी में खासी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

2. सोना: भरोसेमंद और नया अंदाज़

सुरक्षित विकल्प: सोना आज भी भारतीय युवाओं के लिए एक सुरक्षित और भरोसेमंद निवेश का विकल्प बना हुआ है।

डिजिटल तरीके: अब डिजिटल गोल्ड, गोल्ड ETF (Exchange Traded Funds) और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs) जैसे नए विकल्पों ने सोने में निवेश को पहले से कहीं ज़्यादा आसान और सुलभ बना दिया है।

स्थिर निवेश: युवा इसे एक स्थिर और लंबे समय तक चलने वाले निवेश के तौर पर देख रहे हैं।

अक्षय तृतीया पर खरीदारी: हाल ही में अक्षय तृतीया पर देश में लगभग 20 टन सोना बिका (करीब 18000 करोड़ रुपये का)। इंडियन बुलियन एंड ज्वेलरी एसोसिएशन के अनुसार, इस खरीदारी में लगभग 30% हिस्सा निवेशकों का था, जिनमें बड़ी संख्या में युवा निवेशक शामिल थे।

3. म्यूचुअल फंड्स और शेयर बाज़ार: SIP की ताकत

SIP का जादू: म्यूचुअल फंड्स, खासकर SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के ज़रिए, भारतीय युवाओं के बीच निवेश का एक बेहद लोकप्रिय तरीका बन गया है। यह नियमित रूप से छोटी बचत को निवेश करने का आसान रास्ता प्रदान करता है।

डीमैट खातों में उछाल: म्यूचुअल फंड में निवेशकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। साथ ही, वित्त वर्ष 2024-25 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर 84 लाख से ज़्यादा नए सक्रिय डीमैट खाते खुले हैं, जो पिछले साल की तुलना में 20.5% ज़्यादा है। यह साफ दिखाता है कि युवा अब शेयर बाज़ार में भी बढ़-चढ़कर निवेश कर रहे हैं।

कुल मिलाकर, 2024-25 में भारतीय युवा निवेशक पहले से कहीं ज़्यादा जागरूक और प्रयोगधर्मी नज़र आ रहे हैं। वे पारंपरिक सुरक्षित निवेशों के साथ-साथ डिजिटल और बाज़ार से जुड़े विकल्पों में भी हाथ आजमा रहे हैं, जो बदलती आर्थिक सोच का प्रतीक है।

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