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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को एशिया कप 2025 से ठीक पहले एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। टीम इंडिया के लीडिंग स्पॉन्सर ड्रीम11 ने अपना करार बीच में ही छोड़ दिया है। इसकी वजह संसद में हाल ही में पारित ‘ऑनलाइन गेमिंग के प्रचार और विनियमन विधेयक, 2025’ है, जिसमें असली पैसे वाले गेमिंग प्लेटफॉर्म पर रोक लगा दी गई है। इस कानून के लागू होते ही ड्रीम11 को प्रायोजन अनुबंध से बाहर आना पड़ा।
कुछ ही हफ्ते बचे, टीम इंडिया की नई जर्सी तैयार होगी
एशिया कप की शुरुआत अब बस कुछ ही हफ्तों में होनी है। ऐसे में टीम इंडिया की नई जर्सी पर कौन-सा स्पॉन्सर नज़र आएगा, यह फिलहाल सबसे बड़ा सवाल बन गया है। बीसीसीआई के सूत्रों का कहना है कि कई कंपनियां कतार में हैं और जल्द ही फैसला होने की संभावना है।
फिनटेक कंपनियों की बढ़ी दिलचस्पी
शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड प्लेटफॉर्म तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। जेरोधा, एंजल वन और Groww जैसी कंपनियां क्रिकेट की व्यापक पहुंच का फायदा उठाना चाहती हैं। बीते कुछ वर्षों में उन्होंने निवेशकों का बड़ा आधार तैयार किया है और अब क्रिकेट स्पॉन्सरशिप के जरिए ब्रांड को अगले स्तर पर ले जा सकती हैं।
टाटा ग्रुप फिर चर्चा में
क्रिकेट स्पॉन्सरशिप की दौड़ में टाटा ग्रुप का नाम सबसे ऊपर माना जा रहा है। IPL का मौजूदा टाइटल स्पॉन्सर होने के नाते उसका अनुभव और विश्वसनीयता दोनों ही मजबूत दावेदारी पेश करते हैं। सूत्र बताते हैं कि FMCG और ऑटोमोबाइल सेक्टर की कई कंपनियाँ भी इस मौके को भुनाने की तैयारी में हैं।
बड़े उद्योग समूह भी मैदान में?
कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि रिलायंस और अदाणी ग्रुप जैसे दिग्गज उद्योग घराने भी बीसीसीआई से बातचीत कर सकते हैं। दोनों पहले से ही IPL और महिला प्रीमियर लीग (WPL) से जुड़े हुए हैं। भारतीय टीम के आधिकारिक प्रायोजक बनने से उनका प्रभाव और ब्रांड छवि वैश्विक स्तर पर और मजबूत होगी।
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