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Up Kiran, Digital Desk: 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रहे प्लेन क्रैश में अपनों को खोने वाले कुछ परिवारों ने हादसे की जांच रिपोर्ट पर गहरा असंतोष जताया है। उनका आरोप है कि इस रिपोर्ट के जरिए टाटा के अधीन एयर इंडिया, बोइंग और भारत सरकार को बचाने की कोशिश की गई है। हादसे में अपने तीन रिश्तेदारों को खो चुके अमीन सिद्दिकी ने कहा, ‘यह रिपोर्ट सच्चाई से कोसों दूर है, हम इसे कभी स्वीकार नहीं कर सकते।’

सूरत के रहने वाले सिद्दिकी ने ‘यूके टेलीग्राफ’ से बातचीत में कहा कि हादसे के लिए उन पायलटों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है जो खुद भी अपनी जान नहीं बचा पाए। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने सरकार द्वारा प्रस्तावित मुआवजे को ठुकरा दिया है और अब वे एयरलाइन के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। टेकऑफ के तुरंत बाद हुए इस हादसे में एक को छोड़कर बाकी सभी यात्रियों की मौत हो गई थी, जिनमें कई ब्रिटिश नागरिक भी शामिल थे।

इसी हादसे में मारे गए वल्लभ नागजी और उनकी पत्नी विनाबेन वल्लभ के रिश्तेदार तुषार जोगे ने भी रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह पूरी तरह एयर इंडिया और बोइंग को क्लीन चिट देने की कवायद लगती है। उन्होंने कहा, ‘हमें पहले से शक था कि पायलटों पर ही सारा दोष डाला जाएगा। लेकिन वे तकनीकी खामी क्यों नहीं देख रहे? भारतीय एयर एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो की टीम कितनी योग्य है? 2018 में अमेरिकी FAA ने फ्यूल कंट्रोल स्विच को लेकर चेतावनी जारी की थी — क्या उसे लागू करना अनिवार्य नहीं होना चाहिए था?’

वहीं लंदन में रहने वाले इम्तियाज अली सैयद, जिन्होंने इस हादसे में अपने भाई, भाभी और दो भतीजों को खोया, उन्होंने कहा, ‘एयर इंडिया, बोइंग और सरकार सबको अपना हित साधना है, लेकिन हमने पूरा परिवार खो दिया। जब तक सच सामने नहीं आएगा, हम कैसे आगे बढ़ सकते हैं?’

परिजनों की मांग क्या

क्रैश में मारे गए फैजान रफीक के भाई समीर रफीक ने भी मांग की कि एयरलाइंस को कॉकपिट की रिकॉर्डिंग सार्वजनिक करनी चाहिए, ताकि असली वजह सबके सामने आ सके।

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