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हाल ही में हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में आई बाढ़ और बादल फटने के बाद सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को अपने संसदीय क्षेत्र में प्रभावित इलाकों में न पहुँचने पर विरोध और सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा।

 कंगना का पक्ष

2–3 जुलाई की रात बाढ़ प्रभावित सराज और आसपास के इलाकों में पहुंचने की कोशिश करने पर, कंगना ने सोशल मीडिया में लिखा कि उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता जयराम ठाकुर ने सलाह दी थी कि बुनियादी संपर्क व्यवस्था बहाल हुए बिना वह वहां न जाएँ। मंडी के डी.सी. ने भी रेड अलर्ट जारी किया था, और तब तक इंतज़ार करना बेहतर बताया गया था  ।

 विपक्ष और आम जनता की प्रतिक्रिया

इस सफ़ाई के बाद भी विपक्षी नेताओं और जनता द्वारा उनको घेरा गया। पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा:

“हम तो वहीं लोग हैं जो मंडी के लोगों के साथ जीने‑मरने को तैयार हैं; जिन्हें चिंता है, उनके लिए हम हैं… जिन्हें चिंता नहीं, उनके बारे में मैं टिप्पणी नहीं करना चाहता”  ।

 

सामान्य लोग और सोशल मीडिया उपयोगकर्ता बोले कि यह इंतज़ार का समय नहीं, बल्कि कार्रवाई करने का समय था, और सांसद के रूप में उनका भूमिगत अस्तित्व नाराज़गी की वजह बना  ।

 राजनीतिक धाराएँ

कांगना के पक्ष में कहा गया कि उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई। वहीं, विपक्षी कांग्रेस ने कहा कि जयराम के बयान से साफ है कि वे ही कंगना की गैर‑मौजूदगी की वजह बताए हैं  ।

सियासी बहस इस बात पर केंद्रित रही कि जब प्रतिनिधि ही स्थल पर नहीं पहुँचे, तो जनता कैसे उनको उम्मीदों से जोड़ सकती है।

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